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चंपाई सोरेन को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। दरअसल, सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में चंपाई सोरेन भाजपा में शामिल हो सकते हैं। हालांकि इस बारे में जब चंपाई से पूछा गया था तब उन्होंने कहा कि वह जहां हैं, वहीं हैं। लेकिन आज (मंगलवार) उनसे पूछा गया कि क्या आप दिल्ली में भाजपा के नेताओं से मिलना चाहते थे? इसपर झारखंड के पूर्व सीएम ने कहा, ‘नहीं… ऐसा कुछ भी नहीं था।’
हमको भी समझ नहीं आ रहा…
चंपाई सोरेन से पूछा गया कि भाजपा में आपके शामिल होने की जो चर्चाएं चल रही हैं, उसपर आप क्या कहेंगे। चंपाई ने कहा, ‘यह सब कौन कह रहा है… हमको भी समझ नहीं आ रहा है।’ दरअसल, सूत्रों का कहना है कि चंपाई सोरेन मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संपर्क में हैं। चंपाई ने एक्स पर एक भावुक पोस्ट भी शेयर किया है जिसमें उन्होंने झामुमो से अलग राह चुनने के लिए खुद को मजबूर बताया। दरअसल, हेमंत सोरेन के जेल से निकलने के बाद चंपाई सोरेन ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। वह पार्टी के इस फैसले से नाखुश बताए जा रहे थे।
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पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के मामले पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस कोटे के एक मंत्री मुखर होकर सोशल मीडिया पर खुलकर अपनी बात कर रहे हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश और विधायक दल के नेता डॉ रामेश्वर उरांव ने पूर्व सीएम चंपाई सोरेन के मामले को झामुमो का अंदरूनी मामला बताया और कांग्रेस की ओर से पक्ष देने से इनकार किया। वहीं, सरकार में कांग्रेस कोटे से स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने पार्टी लाइन से ऊपर सोशल मीडिया पर खुल कर अपनी बातें रखी हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, विधायक दल के नेता और न ही कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रवक्ता इस पर कुछ भी कहना चाह रहे हैं। इधर, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने कहा कि चंपाई सोरेन झामुमो के वरिष्ठ नेता और अभिभावक स्वरूप हैं। उन्हें शायद कोई तकलीफ रही होगी, इसलिए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है, लेकिन उन्होंने बार-बार यह कहा है कि वह जहां हैं, अब भी वहीं हैं। उनके पोस्ट से यह बिल्कुल नहीं कहा जा सकता कि वह झामुमो परिवार छोड़ रहे हैं।
(हिन्दुस्तान इनपुट के साथ)
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