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अखिल भारतीय ब्राह्मण महासंघ का श्रावणी उपाकर्म स्थानीय मंडी धर्मशाला में श्रावणी पर्व हर्ष और उत्साह के साथ मनाया गया। पर्व पूजन क्रम में तीर्थ आह्वान प्रायश्चित संकल्प, दस विधि स्नान, तर्पण, शिखा सिंचन, यज्ञोपवीत का नवीनीकरण, ब्रह्मा पूजन, वेद पूजन,
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श्रावणी पर्व के कर्मकांड का संचालन करते हुए पंडित कपिल शास्त्री ने कहा कि श्रावणी आत्म निर्माण, चरित्र निर्माण, आत्म विकास का पर्व है। श्रावणी पर्व पर मुख्यत शिखा सिंचन और नवीन यज्ञोपवीत धारण किया जाता है। शिखा स्थापना, यज्ञोपवीत धारण ज्ञान और कर्म को परिष्कृत बनाए रखने की चेतावनी है।
गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति में सभी परिजनों ने नियमित उपासना, साधना, स्वाध्याय, संयम और विचार क्रांति अभियान को सफल बनाने के संकल्प लिए ब्राह्मण महासंघ के पंडित कपिल व्यास ने बताया की शिव मदन वैदिक पाठशाला के विद्यार्थियों द्वारा विधि विधान से पूजा-अर्चना हवन कर मंत्र उच्चारण के साथ श्रावणी उपाकर्म संपन्न कराया। सभी ब्राह्मण बंधु अपनी परंपरागत वेशभूषा में मंडी धर्मशाला में एकत्रित हुए।
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