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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन की बगावत की खबरों ने जोर पकड़ लिया है। इस बीच वह कोलकाता से दिल्ली पहुंच चुके हैं। यहां उनकी मुलाकात भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेताओं से हो सकती है। इस बात की संभावना है कि वह जल्दी ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम सकते हैं।
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, चंपाई सोरेन कोलकाता से दिल्ली अकेले नहीं आए हैं। उनके साथ जेएमएम के 6 विधायक भी आए हैं। वह शिवराज सिंह चौहान के लगातार संपर्क में वह बने हुए हैं। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि उनके साथ दशरथ गगराई, रामदास सोरेन, चमरा लिंडा, लोबिन हेमब्रोम और समीर मोहंती भी हैं।
दिल्ली पहुंचते ही जब उनसे अटकलों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा मैं व्यक्तिगत काम से दिल्ली आया हूं। फिलहाल मैं जहां हूं वहीं हूं। आपको बता दें कि उन्होंने अटकलों को खारिज नहीं किया।
अगर चंपाई सोरेन छह विधायकों के साथ पाला बदलते हैं तो झारखंड में इस साल के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यह हेमंत सोरेन के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।
आपको बता दें कि जब झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गिरफ्तार होने से पहले इस्तीफा दिया था तो चंपाई सोरेन को सीएम बनाया था। जमानत पर जेल से रिहा हेने के बाद वह फिर से सीएम की गद्दी संभाल ली है।
चंपाई सोरेन के किस बयान पर मचा था हंगामा?
चंपाई सोरेन से जब उनके पाला बदलने के अटकलों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि उनका राजनीतिक जीवन बहुत लंबा है। अभी कुछ भी कहना मुश्किल है। इसके अलावा वह ऐसे कई अन्य सवालों को मुस्कुराकर टालते हुए नजर आए थे। चंपाई सोरेन के इस बयान के बाद और बीजेपी में शामिल होने की खबरों से साफ तौर से इनकार ना करने के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
बीजेपी में शामिल होने से क्या फायदा?
बताया जा रहा है कि अगर चंपाई बीजेपी में शामिल होते हैं तो उनके बेटे बाबूलाल सोरेन को घाटशिला या पोटका से विधानसभा चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है। फिलहाल इन दोनें ही सीटों पर बीजेपी के विधायक हैं।
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