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केशव महतो कमलेश पार्टी के सीनियर लीडर हैं और पार्टी के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं।
झारखंड में विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले कांग्रेस ने बड़ा फेरबदल किया है। राजेश ठाकुर को हटा कर केशव महतो कमलेश को पार्टी ने राज्य की कमान दी है। वहीं, पार्टी ने हेमंत कैबिनेट में मंत्री रामेश्वर उरांव को विधानसभा में विधायक दल का नेता बनाया है।
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पार्टी के इस निर्णय को राज्य के जातीय समीकरण से जोड़कर भी देखा जा रहा है। राज्य में सबसे बड़ी आबादी (लगभग 26 प्रतिशत) आदिवासी की है। जबकि, लगभग 14-15 प्रतिशत आबादी कुर्मी यानी महतो समाज की है। ऐसे में पार्टी की तरफ से जहां आदिवासी को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है, वहीं कुर्मी को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर संतुलन साधने की कोशिश की गई है।
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इस संबंध में शुक्रवार देर रात पत्र जारी किया है।
जानिए, कौन हैं केशव महतो कमलेश
केशव महतो कमलेश पार्टी के सीनियर लीडर हैं। सिल्ली से कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान जब रामेश्वर उरांव पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे तो वे पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष की भूमिका में थे।
महतो लीडरशीप के रूप में आजसु सुप्रीमो सुदेश महतो के साथ तेजी से युवा नेता जयराम महतो का नाम आगे बढ़ रहे थे। इधर, झामुमो नेता जगरनाथ महतो के निधन के बाद सत्ताधारी गठबंधन में महतो लीडरशीप की एक क्राइसिस सामने आ रही थी। ऐसे में चुनाव से पहले केशव महतो कमलेश को आगे कर कांग्रेस ने इस वोट बैंक को साधने के लिए बड़ा दांव खेला है।
रामेश्वर उरांव पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे।
आलमगीर आलम की गिरफ्तारी के बाद खाली था पद
कांग्रेस के सीनियर लीडर और मंत्री आलमगीर आलम की टेंडर घोटाले में गिरफ्तारी के बाद से विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली था। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा था कि इस कोटे को अल्पसंख्यक नेता से ही भरा जाएगा। इस रेस में सबसे आगे मंत्री इरफान अंसारी का नाम था। लेकिन, पार्टी ने उनकी जगह लोहरदग्गा विधायक और पार्टी के सीनियर लीडर रामेश्वर उरांव पर दांव लगाया है। उरांव पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
3 साल पहले अध्यक्ष बने थे राजेश ठाकुर
राजेश ठाकुर 3 साल पहले अगस्त 2021 में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए थे। दैनिक भास्कर से बात करते हुए राजेश ठाकुर ने पार्टी के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने जो भी निर्णय लिया है, उन्हें स्वीकार्य है। वे पार्टी के हर फैसले का स्वागत करते हैं। तीन साल तक उन्हें जो जिम्मेदारी दी गई उसे उन्होंने बखूबी निभाया।
अगस्त 2021 में राजेश ठाकुर को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। इनके नेतृत्व में ही पार्टी लोकसभा का चुनाव लड़ी और 2 सीटें जीतने में कामयाब रही।
विधायकों को एकजुट रखने में अहम भूमिका निभाई
राजेश ठाकुर के नेतृत्व में तीन बार सरकार पर संकट की स्थिति आई। लगातार कांग्रेस में टूट का खतरा बना रहा। पार्टी के तीन विधायक पैसे के साथ कोलकाता में गिरफ्तार भी किए गए, लेकिन विधायकों को टूटने से बचाने व पार्टी को एकजुट रखने में वे कामयाब रहे। राजेश ठाकुर के नेतृत्व में ही कांग्रेस झारखंड में लोकसभा का चुनाव लड़ी और 2 सीट जीतने में कामयाब रही। इसके अलावा झारखंड में संगठन को नए सिरे से खड़ा करने में भी राजेश ठाकुर की अहम भूमिका रही।
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