ओबरा ताप विद्युत गृह के मुख्य महाप्रबन्धक इं० राधे मोहन ने ध्वजारोहण कर जनसमूह को सम्बोधित किया।
राजेश तिवारी (संवाददाता)
ओबरा /सोनभद्र-ओबरा ताप विद्युत परियोजना, ओबरा के संकुल में स्थित गांधी मैदान में 78वों स्वतन्त्रता दिवस भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार द्वारा निर्गत दिशा-निर्देश का अनुपालन करते हुए, उत्साह एवं हर्षोल्लास के वातावरण में मनाया गया। इस अवसर पर ओबरा ताप विद्युत गृह के मुख्य महाप्रबन्धक इं० राधे मोहन ने उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशानुसार प्रातः 08.00 बजे ध्वजारोहण कर एकत्रित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज हम लोग 78वां स्वतन्त्रता दिवस मनाने के लिये एकत्रित हुए हैं।
आज ही के दिन 15 अगस्त 1947 में हमारा देश को साम्राज्यवादी ब्रिटिश हुकूमत की अधीनता से आजाद हुआ था। इस आजादी को प्राप्त करने के लिए हमारे देश के अनेकों राष्ट्र भक्तों ने अपने प्राणों की आहुतियों दी है। इस पुनीत अवसर पर आप लोगों के साथ उन महान देश भक्तों के प्रति श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिये अपने प्राण न्योछावर कर दिये।
स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात हमारा देश चहुमुखी विकास कर निरन्तर प्रगति की तरफ अग्रसर है। देश की प्रगति एवं विकास के लिए पर्याप्त तथा निरन्तर विद्युत आपूर्ति का होना आवश्यक है। हमें गर्व है कि हम विद्युत उत्पादन जैसे उद्योग से जुड़े हैं जिसका देश व प्रदेश की उन्नति में प्रत्यक्ष योगदान है।
ओबरा ‘ब’ परियोजना की 200 मे०वा० क्षमता की पाँचों इकाईयों काफी पुरानी हो चुकी है फिर भी ये इकाइयों आज भी मजबूत और स्थिर प्रदर्शन कर रही हैं, जिससे यह साबित होता है कि हमारी टीम का समर्पण और मेहनत किसी भी चुनौती का सामना कर सकती है, इन पुरानी इकाइयों ने वर्षों से देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो अनवरत जारी है।
ओबरा में 2×660 मे०वा० के ओबरा सी’ का निर्माण कार्य 22 दिसम्बर 2016 को शुरू हुआ था, तब से निर्माण कार्य चल रहा है, जो कोरोना महामारी के दौरान विषम परिस्थितियों में भी चलते हुए अपने अन्तिम पड़ाव पर है। ओबरा ‘सी’ की प्रथम इकाई को दिनांक 09 फरवरी, 2024 से वाणिज्यिक उत्पादन पर ले लिया गया है, जबकि ओबरा ‘सी परियोजना की दूसरी इकाई को अक्टूबर, 2024 तक उत्पादनरत् कर लिये जाने का लक्ष्य है।
उ०प्र० राज्य विद्युत उत्पादन निगम लि० और नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) सोनभद्र के संयुक्त उपक्रम के अन्तर्गत 800 मे० वा० की दो अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल इकाइयों वाली
ओबरा डी’ परियोजना, जिसकी कुल उत्पादन क्षमता 1600 मेगावाट होगी, की ओबरा परिक्षेत्र में स्थापना की जा रही है। किसी भी परियोजना के निर्माण के लिए सबसे बड़ी आवश्यकता भूमि की उपलब्धता होती है और ओबरा डी परियोजना परियोजना के लिए ओबरा कालोनी के कई सेक्टरों का ध्वस्तीकरण किया जाना है। इस प्रकिया में सभी का सहयोग अपेक्षित है, जिससे जल्द से जल्द ओबरा ‘डी’ परियोजना की स्थापना हो सके तथा ओबरा परियोजना विद्युत आपूर्ति के क्षेत्र में पुनः अपने स्वर्णिम इतिहास को दोहरा सके।
विद्युत ऊर्जा के क्षेत्र में ओबरा तापीय परियोजना सदैव एक अग्रणी परियोजना रही है इसलिए अधिकाधिक विद्युत उत्पादन की जिम्मेदारी भी हमारे ऊपर है। उपरोक्त वर्णित इकाईयों के परिचालनरत हो जाने के उपरान्त ओबरा परियोजना पुनः देश में सर्वाधिक विद्युत उत्पादन करने वाली इकाइयों में से एक हो जायेगी। ओबरा तापीय परियोजना के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का समर्पण, कुशलता और विशेषता पर हमें गर्व है।
समारोह में मुख्य अभियन्ता (प्रशासन) इं० तुलसी दास, मुख्य अभियन्ता ओबरा ‘सी’ ३० एस०के० सिंघल, मुख्य अभियन्ता (ब), इं० राज कुमार, मुख्य अभियन्ता (कोयला संचालन) इं० वाई०के० गुप्ता, सी०आई०एस०एफ० कमाण्डेट श्री एस०के० सिंह तथा अधीक्षण अभियन्तागण ३० राजेश्वर प्रसाद, इं० अब्दुल निशात, इं० मणि शंकर राय, इं० अच्युतेश कुमार, इं० डी० के० सिंह, इं० नेमीचन्द, इं० अजय शर्मा एवं उप महाप्रबन्धक (लेखा) श्री अखिलेश त्रिपाठी, सी०एम०ओ० डा० ए०के० गुप्ता, अधिशासी अभियन्तागण इं० अंकुर सिंह, इं० सदानन्द यादव तथा अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी यथा श्री राम गोविन्द, श्री अंकित कुमार, श्री विशाल प्रसाद, श्री अनिल सिंह, श्री धनंजय शुक्ला, श्री अरुण सिंह आदि उपस्थित थे।