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राजस्थान में छात्र संघ चुनाव को लेकर सियासी घमासान लगातार जारी है। शुक्रवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने छात्रसंघ चुनाव की तारीखों का ऐलान करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में एबीवीपी के कार्यकर्ता
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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के रोहित मीणा ने कहा- राजस्थान सरकार युवाओं की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। हम शांतिप्रिय तरीके से विरोध प्रदर्शन कर सरकार से चुनाव की तारीख ऐलान करने की मांग कर रहे हैं। इसके बाद भी अगर सरकार ने हमारी मांग को जल्द से जल्द पूरा नहीं किया। प्रदेशभर में उग्र आंदोलन किया जाएगा।
रोहित मीणा ने कहा- भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने आम छात्रों के साथ वादा खिलाफी की है। इसके खिलाफ अब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद घेराव करेगी। सरकार नहीं जागी तो हम मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उप मुख्यमंत्री डॉक्टर प्रेमचंद बैरवा के आवास का भी घेराव करेंगे। क्योंकि भाजपा नेताओं ने चुनाव से पहले छात्र संघ चुनाव कराने का वादा किया था। अब जब राजस्थान में बीजेपी की सरकार सत्ता में आ गई है। भाजपा नेता ही अपने वादे को भूल गए हैं।
कांग्रेस सरकार ने अलोकतांत्रिक तरीके से चुनाव पर रोक लगा दी
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के इकाई मंत्री मनु दाधीच ने कहा- पिछले साल कांग्रेस सरकार ने अलोकतांत्रिक तरीके से चुनाव पर रोक लगा दी थी। तब बीजेपी के नेताओं ने छात्र संघ चुनाव शुरू करने की मांग की थी लेकिन इस बार भाजपा सरकार चुनाव की घोषणा नहीं कर रही है, जो पूरी तरह गलत है। इसके खिलाफ आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र सड़कों पर उतर विरोध कर रहे हैं। लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा हमारी आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। हम डरने वाले नहीं हैं। ऐसे में जब तक छात्र संघ चुनाव का ऐलान नहीं होगा। एबीवीपी के कार्यकर्ता आखिरी सांस तक छात्रों के लिए लड़ाई लड़ेंगे।
मुख्यमंत्री को दिखाएंगे काले झंडे
मनु दाधीच ने कहा- हमने छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इसी जवाहर लाल नेहरू मार्ग पर काले झंडे दिखाए थे। भजनलाल शर्मा इस बात को याद रखें कि वह भी इसी रास्ते से जाते हैं। अगर चुनाव का ऐलान नहीं किया तो हम भी उन्हें भी काले झंडे दिखा उनका विरोध करेंगे। लेकिन छात्र संघ चुनाव करा कर ही दम लेंगे। क्योंकि यह हमारा अधिकार है।
मनु ने कहा- अब तक हम सरकार के आदेश का इंतजार कर रहे थे लेकिन सरकार ने चुनाव को लेकर किसी तरह का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है। जो युवाओं की आवाज को दबाने का तरीका है। यह किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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