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पश्चिमी सिंहभूम में आरटीआई कार्यकर्ता बंसत महतो ने जिले के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय सोनुआ और चक्रधरपुर में आपूर्तिकर्ता द्वारा आपूर्ति किए गए सामग्रियों में अनियमितता एवं बिना सामग्री खरीद के वेंडरों को भुगतान देने पर आवाज उठाई।
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उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखकर सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 की धारा 2(j)(i) के अनुसार दस्तावेजों एवं रिकॉर्ड के निरीक्षण समेत आपूर्ति किए गए सामग्रियों से संबंधित कार्य का निरीक्षण करने की इच्छा जाहिर की थी।
जांच के बदले मांगे पैसे
जिला शिक्षा पदाधिकारी से तिथि एवं समय की मांग की गई थी। ताकि मामले की जांच हो और अनियमितता का खुलासा हो। जन सूचना पदाधिकारी के रूप में नामित जिला शिक्षा पदाधिकारी ने अधिनियम की धारा 6(3) के उपधारा का उल्लंघन किया।
इसके बाद अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने वार्डेन सह शिक्षिका के पत्र का हवाला देते हुए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय चक्रधरपुर और सोनुआ के निरीक्षण के लिए तिथि एवं समय देने के एवज में आवेदन को बिना पढ़े संयुक्त रूप से 36318 (छत्तीस हजार तीन सौ अठारह) रुपए की अनुचित राशि की मांग कर डाली। जो अधिनियम की धारा 18 (घ) में साफ निर्दिष्ट है।
कई और बातें आई सामने
यही नहीं आवेदक ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय मनोहरपुर से सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 6(1), 2(j) (ii) एवं 2(j)(iv) का जिक्र करते हुए सूचना की अभिप्रमाणित छायाप्रति मांगी थी।
जिले के अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, झारखंड शिक्षा परियोजना ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय मनोहरपुर की वार्डेन सह शिक्षिका को सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के आलोक में सूचना अवलोकन कराने के संबंध में पत्र लिख डाला।
जिसके बाद कार्यकर्ता ने क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक, कोल्हान प्रमंडल के कार्यालय में जिला शिक्षा पदाधिकारी के विरुद्ध प्रथम अपील दायर की है। अपीलवाद की सुनवाई चल रही है।
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