[ad_1]
जीजा और साला बैंक अधिकारी बन कर लोगों से साइबर ठगी कर रहे थे। रांची सीआईडी की इनपुट पर धनबाद साइबर थाना और बरवाअड्डा थाना की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर दोनों को दबोचा। उनके पास से ठगी में प्रयुक्त छह मोबाइल और नौ सिम जब्त किए गए हैं। दोनों के खिलाफ साइबर थाना में प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया।
पुलिस ऑफिस में बुधवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए साइबर डीएसपी संजीव कुमार और साइबर थाना प्रभारी प्रमोद कुमार पांडेय ने उनकी गिरफ्तारी की जानकारी दी। डीएसपी ने बताया कि भगतू रविदास का पुत्र मंतोष रवानी बरवाअड्डा जयनगर बस्ती स्थित अपने घर में अपने जीजा चिरकुंडा नीचे बाजार दासपाड़ा निवासी रोहित रविदास के साथ मिलकर साइबर ठगी करते रंगेहाथ पकड़े गए।
दोनों के पास मिले पांच मोबाइल सिम से पश्चिम बंगाल, ओडिशा और महाराष्ट्र के 15 लोगों से साइबर ठगी की गई है। रांची सीआईडी के प्रतिबिंब ऐप के माध्यम से ठगी में इस्तेमाल उनके पांचों मोबाइल सिम को चिह्नित किया गया था। सीआईडी से मिली जानकारी के आधार पर एसएसपी हृदीप पी जनार्दनन ने पुलिस टीम का गठन कर दोनों की गिरफ्तारी के आदेश दिए। पुलिस ने मंतोष रविदास के जयनगर स्थित घर में छापेमारी की तो रोहित भी वहीं था।
डीएसपी ने बताया कि दोनों बैंक अधिकारी बनकर लोगों को फोन करते थे। उन्हें केवाईसी अपडेट करने और एटीएम बंद होने की बात कह कर उनसे ओटीपी ले लेते थे। इस ओटीपी के आधार पर साइबर ठग भुक्तभोगियों के खाते से अपना मोबाइल नंबर लिंक कर लेते थे। इसके बाद उनके खातों से रकम उड़ा ली जाती थी। दोनों करीब एक साल से ठगी के काम में जुटे थे। पूछताछ में दोनों ने लाखों की ठगी की बात स्वीकारी है। जल्द उन्हें दूसरे राज्यों के कांडों में भी रिमांड किया जाएगा। डीएसपी ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति को किसी भी सूरत में ओटीपी न बताएं और न ही किसी अनजान लिंक को टच करें।
[ad_2]
Source link