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नई दिल्ली, एजेंसी। अखाड़े में बड़े-बड़े धुरंधरों को पटखनी देने वाली दंगल गर्ल विनेश फोगाट नियमों के फेर में फंसकर चित हो गई हो गई। खेल पंचाट के फैसले के बाद उनका ओलंपिक में पदक जीतने का सपना अधूरा रह गया। आईओए ने अंतरराष्ट्रीय कुश्ती में अस्पष्ट नियमों और उनकी व्याख्याओं को लेकर कड़ी आलोचना की है। आईओए ने कहा, 100 ग्राम की मामूली विसंगति और उसके परिणाम का गहरा प्रभाव पड़ता है, न केवल विनेश के करियर के संदर्भ में, बल्कि अस्पष्ट नियमों और उनकी व्याख्या के बारे में भी गंभीर सवाल उठाता है। इसमें आगे कहा गया, आईओए का मानना है कि दो दिन में से दूसरे दिन किसी खिलाड़ी को वजन में इतनी मामूली सी विसंगति के लिए पूरी तरह अयोग्य करार देने के मामले की गहरी समीक्षा की जरूरत है। इसमें कहा गया, विनेश का मामला बताता है कि कड़े और अमानवीय नियम खिलाड़ियों खासकर महिला खिलाड़ियों के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक तनावों को समझने में नाकाम रहे हैं। आईओए ने कहा कि यह फैसला अधिक न्यायसंगत और उचित मानकों की आवश्यकता की सख्त याद दिलाता है जो एथलीटों की भलाई को प्राथमिकता देते हैं। उन्होंने ओलंपिक में एक दिन में लगातार तीन मुकाबले जीते थे। पहले मुकाबले में चार बार की विश्व चैंपियन और पूर्व ओलंपिक चैंपियन को मात देकर उनका 83 मैचों से चला आ रहा विजय रथ रोका था।
काम न आईं ये दलीलें
-100 ग्राम वजन बहुत कम है। यह एथलीट के वजन का 0.1% से 0.2% से भी ज्यादा नहीं है। वजन गर्मी के मौसम में इंसान के शरीर के फूलने से भी आसानी से बढ़ सकता है। इंसान के जिंदा रहने की जरूरत के कारण से शरीर में ज्यादा पानी जमा होता है, इसी कारण इतना वजन कभी भी बढ़ सकता है।
-विनेश को एक ही दिन में तीन मुकाबले लड़ने पड़े। इस दौरान एनर्जी बनाए रखने के लिए उन्हें खाना पड़ा। ऐसे में उनका वजन 52.7 किलो पहुंच चुका था
-खेल गांव और ओलिंपिक गेम्स के एरीना के बीच की दूरी और पहले दिन लगातार मुकाबलों के कारण विनेश को वजन घटाने का पर्याप्त समय नहीं मिला
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