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स्वतंत्रता दिवस समारोह की सुरक्षा को चाक-चौबंद बनाने में जुटी एजेंसियां इस बार फोटो के विश्लेषण की मदद से संदिग्ध लोगों की गतिविधियों पर नजर रखेगी। लालकिले और आसपास के इलाके को वीडियो एनालिटिक्स की रेंज से कवर कर दिया गया है। वहीं, कुछ ऐप का भी सुरक्षा व्यवस्था को चौकस बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐप से खुद सिस्टम ही बता देगा कि कहां पर? किस स्तर पर? क्या गड़बड़ी हुई है। इसके लिए एआई आधारित सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इस बार पिछली बार की तुलना में और अधिक कैमरे लगाए गए हैं। करीब 22,000 लोग समारोह को देखने आते हैं तो उन्हें किसी तरह की दिक्कत नहीं हो, इसका भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है।
क्या है वीडियो एनालिटिक्स तकनीक
वीडियो एनालिटिक्स ऐसी तकनीक है जो सुरक्षा-संबंधी कार्य करने के लिए विशेष एल्गोरिदम का उपयोग करके डिजिटल वीडियो सिग्नल की मॉनिटिरंग करता है। इसका उपयोग करने से सुरक्षा निगरानी प्रक्रिया की दक्षता बढ़ जाती है और रियल टाइम में सटीक सूचना भी मिल जाती है। इससे जवानों को आसानी होती है।
इन ऐप का इस्तेमाल
सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की कोई चूक न हो, इसके लिए इस बार ई-परीक्षा ऐप, ई-डिजिटल बीट बुक, और ई- वाहन ऐप से लालकिला और आसपास के इलाके को लैस किया गया है। इन ऐप से आसपास के इलाके में तैनात सुरक्षाकर्मी से लेकर कंट्रोल रूम तक के सुरक्षाकर्मियों की संदिग्धों पर पैनी नजर रहेगी।
जांच में 63 स्थानों पर खामियां मिलीं
राजधानी में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त के बीच स्पेशल सेल को जांच में 63 स्थानों पर खामियां मिली हैं। स्पेशल सेल की डीसीपी प्रतीक्षा गोदारा ने सभी जिला डीसीपी को इन खामियों को दूर करने के लिए कहा है। जानकारी के अनुसार, राजधानी में सुरक्षा की जांच करने के लिए कई टीमों को विभिन्न जिलों में भेजा गया था। इसकी विस्तृत रिपोर्ट स्पेशल सेल की डीसीपी को भेजी। इसमें बताया कि टीम ने पहाड़गंज स्थित एक होटल में पाया कि वहां सुरक्षा जांच के लिए लगे डीएफएमडी और एचएचएमडी काम नहीं कर रहे हैं। द्वारका और मुखर्जी नगर स्थित पीजी में सीसीटीवी फुटेज तय समय सीमा तक सुरक्षित रखने की व्यवस्था नहीं थी। कमला नगर मार्केट में भी डीएफएमडी और एचएचएमडी की व्यवस्था नहीं थी। शास्त्री पार्क इलाके की पार्किंग में खामियां मिलीं।
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