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नई दिल्ली, एजेंसी। भाजपा के वरिष्ठ लोकसभा सदस्य जगदंबिका पाल को मंगलवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी एक अधिसूचना में कहा गया कि लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला ने पाल को 31 सदस्यीय समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है। विधेयक के प्रावधानों पर लोकसभा में विपक्ष के विरोध के बीच सरकार ने इसे दोनों सदनों की संयुक्त समिति को भेजने का फैसला किया था। संयुक्त समिति में 31 सदस्य हैं। इनमें लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 सदस्य हैं। अगले सत्र तक यह समिति अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
लोकसभा और राज्यसभा ने शुक्रवार को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा पेश एक प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था, जिसमें समिति का हिस्सा बनने के लिए सदस्यों को नामित किया गया था। संयुक्त समिति में लोकसभा से जिन 21 सदस्यों को शामिल किया गया है, उनमें भाजपा के आठ और कांग्रेस के तीन सांसद शामिल हैं। राज्यसभा से समिति में शामिल किए गए सदस्यों में से चार भाजपा के और एक-एक सदस्य कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, वाईएसआर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के हैं। एक मनोनीत सदस्य को भी समिति का सदस्य बनाया गया है।
समिति में शामिल लोकसभा सदस्य
लोकसभा सदस्यों में भाजपा से जगदंबिका पाल, निशिकांत दुबे, तेजस्वी सूर्या, अपराजिता सारंगी, संजय जायसवाल, दिलीप सैकिया, अभिजीत गंगोपाध्याय और डीके अरुणा को समिति में शामिल किया गया जबकि कांग्रेस से गौरव गोगाई, इमरान मसूद और मोहम्मद जावेद को इसका सदस्य बनाया गया है।
सपा सदस्य मौलाना मोहिबुल्ला नदवी, तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी, डीएमके के ए. राजा, तेदेपा के लावू श्रीकृष्णा, जद (यू) के दिलेश्वर कामत, शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत, एनसीपी (एसपी) के सुरेश गोपीनाथ महत्रे, शिवसेना के नरेश गणपत म्हास्के, लोजपा (रामविलास) के अरुण भारती और एआईएमआईएम के असदुद्दीन औवैसी भी इस समिति में शामिल हैं।
इन राज्यसभा सदस्यों के भी नाम
राज्यसभा से इस समिति में बृजलाल, मेधा विश्राम कुलकर्णी, गुलाम अली, राधामोहन दास अग्रवाल (सभी भाजपा), सैयद नासिर हुसैन (कांग्रेस), मोहम्मद नदीमुल हक (तृणमूल कांग्रेस), वी विजय साई रेड्डी (वाईएसआर कांग्रेस), एम मोहम्मद अब्दुल्ला (द्रमुक), संजय सिंह (आम आदमी पार्टी) और डी वीरेंद्र हेगड़े (मनोनीत) को शामिल किया गया है।
बता दें कि सरकार ने वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन से संबंधित विधेयक गुरुवार को लोकसभा में पेश किया था जिसे सत्तापक्ष एवं विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक और चर्चा के बाद संयुक्त समिति को भेजने का फैसला हुआ था।
जगदंबिका पाल चौथी बार लोकसभा सदस्य
73 वर्षीय जगदंबिका पाल चौथी बार लोकसभा के सदस्य हैं और माना जाता है कि सभी दलों के नेताओं के साथ उनके अच्छे रिश्ते हैं।
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