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पहली तस्वीर हजारीबाग के शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज में वारदात के मौके पर पहुंची पुलिस की टीम और आम लोग। दूसरी तस्वीर चोहान हेंब्रम की हैा, जबकि तीसरी तस्वीर कैदी शाहिद अंसारी की है।
हजारीबाग के शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज में इलाज करा रहे एक कैदी ने सुरक्षा में लगे हवलदार की हत्या कर दी। इसके बाद कैदी वार्ड के दरवाजे को हथकड़ी से लॉक कर फरार हो गया।
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25 जुलाई से कैदी वार्ड में इलाजरत था। फरार होने वाले कैदी का नाम शाहिद अंसारी (41) है। वह धनबाद के चास नाला का रहने वाला है। वहीं, मृतक हवलदार गिरिडीह के बेंगाबाद निवासी चोहान हेंब्रम है।
घटना रविवार रात 11:40 बजे की है। कैदी अस्पताल से रात के 1.15 बजे पैदल ही निकला। इसका सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है।
बताया जा रहा है कि कैदी ने स्लाइन चढ़ाने वाले स्टैंड के रॉड से हवलदार को मारा। इसके बाद स्लाइन के पाइप से उसका गला घोंट दिया। हत्या के बाद हवलदार के पास से हथकड़ी का चाबी लेकर खोला। फिर कैदी वार्ड के दरवाजे को हथकड़ी से लॉक कर दिया और भाग निकला।
फरार होने वाला कैदी शाहिद अंसारी की फाइल फोटो।
गिरफ्तारी के लिए चल रहा ऑपरेशन
घटना के बाद हजारीबाग एसपी अरविंद कुमार सिंह, एसडीओ शैलेश कुमार, सीओ, सदर थाना प्रभारी और फारेंसिक टीम समेत कई पदाधिकारी मौके पर पहुंचे। पूरे मामले की तहकीकात की जा रही है। फरार कैदी को गिरफ्तार करने के लिए पूरे इलाके में ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
वहीं, मौके पर मौजूद एसपी ने किसी भी तरह का बयान नहीं दिया। दूसरी ओर एसडीओ शैलेश कुमार सिंह भी बयान देने से बचते रहे। लगभग 2 घंटे तक सभी परिसर में उपस्थित रहे। जिन्होंने सीसीटीवी कैमरे में सारी घटना को देखा।
स्पाइनल की समस्या बताकर करा रहा था इलाज
अपराधी शाहिद 25 जुलाई से कैदी वार्ड में भर्ती था। कैदी के शरीर का दाहिने हिस्से में झिनझनी की शिकायत कर रहा था। एम्स में इलाज कराने के लिए आवेदन दिया था। उसके आवेदन को अस्वीकार करते हुए हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया था।
पिछले 18 दिनों से अस्पताल में उसका इलाज किया जा रहा था। चिकित्सकों ने जांच में किसी भी तरह की बीमारी नहीं निकलने के बाद एमआरआई जांच भी कराया गया था। उसमें भी कोई बीमारी नहीं पाया गया। फिर मेडिकल बोर्ड ने उसे शनिवार को ही रिम्स रेफर कर दिया था। रिम्स जाने से पहले उसने इस घटना को अंजाम दिया और फरार हो गया।
लाठी लेकर चलने वाला कैदी, दो पैरों पर भागा
चिकित्सकों के मुताबिक वह स्पाइनल प्रॉब्लम बताकर अस्पताल में एडमिट हुआ था। जिसमें फुट ड्रॉप का प्रॉब्लम था। एक पैर काम नहीं कर रहा था, जिससे वह लाठी से चल रहा था। जबकि भगाने के समय बिल्कुल स्वस्थ तरीके से बगैर लाठी के भागा है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह झूठी बीमारी का बहाना बना कर हॉस्पिटल में एडमिट हुआ था। आशंका जताई जा रही है कि इस तरह से भागने की योजना उसने जेल में ही बना ली थी।
अस्पताल पहुंच जांच करते हुए पुलिस के अधिकारी।
किन आरोपों के तहत मिली थी सजा
कैदी शाहिद अंसारी के ऊपर दो मामला धनबाद में चल रहा था। सुदामडीह थाना में केस संख्या 40/17 के तहत धारा 341, 323, 354, 356D, 306, रेप समेत पोक्सो एक्ट का मामला दर्ज है। वहीं, पाथरहीह थाना में कांड संख्या 40/18 के तहत धारा 302, 201, 382 के तहत हत्या का मामला दर्ज है।
कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई है। वह मूल रूप से धनबाद के चासनाला का रहने वाला है। इसका ताल्लुक प्रिंस खान गिरोह से बताया जा रहा है। प्रिंस खान धनबाद का खूंखार अपराधी है। शाहिद अंसारी को सजा सुनाए जाने के बाद उसे धनबाद जेल से हजारीबाग सेंट्रल जेल शिफ्ट किया गया था।
अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर उठ रहे सवाल
शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज से कैदियों के भागने की यह पहली घटना नहीं है। लेकिन, सुरक्षा गार्ड की हत्या कर फरार होने की यह पहली घटना है। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे है। उसकी सुरक्षा में तीन पुलिसकर्मी को तैनात किया गया था, जो 8-8 घंटे के शिफ्ट में ड्यूटी कर रहे थे। अपने 8 घंटे की ड्यूटी के दौरान हवलदार सिविल ड्रेस में कैसे था।
वर्तमान समय में 30 होमगार्ड के जवान भी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में तैनात किए गए हैं। वहीं निजी सुरक्षा गार्ड भी तैनात है। रात के समय महज एक सुरक्षा कर्मी की बदौलत कैदी वार्ड रहता है। कैदी वार्ड के बाहर भी सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। एक मुख्य दरवाजा है, जिससे डॉक्टर, मरीज और अन्य सभी का आना-जाना होता है।
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