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सावन के महीने में मालाखेड़ा तहसील के पीला ढाबा गांव के प्राचीन हनुमान मंदिर में 9 दिवसीय संगीतमय श्री शिवमहापुराण कथा के दूसरे दिन श्री चित्रकूट धाम उत्तर प्रदेश से पधारे स्वामी कमलदास बापू ने नारद मोह तथा तीन महापापी ब्राह्मणों की कथा सुनाई। भक्तों
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यजमान पंडित देवनारायण शर्मा पत्नी कान्ता शर्मा ने शिवमहापुराण का पूजन किया। इसके बाद संत कमलादस ने एक भक्त की कथा का उदाहरण देते हुए बताया कि वह भक्त कह रहा है कि मैं अपने कृष्ण की प्रियतमा हूं। मैं उनके हाथ बिक चुकी बिन मोल की दासी हूं। मैं जहां भी रहूं जैसे भी रहूं मेरा कर्तव्य उनका सुख है। उन्हें अपने हाथों से भोग लगाना, उनसे बातें करना, उन्हें निहारना, उनके हाथों में हाथ डाले, ओढ़नी की तरह ओढ़ लेती हूं । मेरे प्रियतम मुझसे असीम स्नेह करते हैं। मैं उन्हें स्वामिनी राधिका की बात, नित संगिनी सखियों की बात सुनाती हूँ तो वे अति प्रसन्न होते। मैं उनकी बात पर पूरा भरोसा करती हूं। कोई इस प्रेम को समझना चाहे भी तो भी नहीं समझ सकता। संसार और संसार से परे की सबसे अमूल्य निधि है इनका प्रेम। ये दूरी तो मिथ्या है, ये संसार तो स्वप्न है। कथा सुनने वालों में राजेश यादव, पूरनमल जांगिड़, जगरुप सिंह, शेरसिंह यादव, विजय यादव, हरलाल यादव, उमराव यादव, महावीर यादव, मुकेश यादव, बाबूलाल यादव जांगिड़, राम जी लाल राजपूत, बबलू शर्मा, भीकम राजपूत, पूरन यादव, महेश यादव, राम अवतार यादव, जयराम यादव, मनोज यादव, चरण यादव, रामेश्वर यादव, नारायण यादव, विजेन्द्रर यादव, विकास शर्मा, अनतराम यादव, नत्थू सिंह राजपूत, भंवर सिंह राजपूत काफी संख्या में भक्त मौजूद रहे।
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