बीजपुर (सोनभद्र) स्थानीय रिहंद परियोजना के इंटेक बेल के पास बीते दिनों हुई भारी बारिश के दौरान डैम के किनारे एक जगह दरार आ जाने से स्थिति गंभीर हो गई है हालांकि एनटीपीसी रिहंद प्रबंधन द्वारा युद्ध स्तर पर कार्य करा कर स्थिति को काबू करने का प्रयास किया जा रहा है । एनटीपीसी प्रबंधन सहित ठेकेदार द्वारा दर्जनों मजदूर वह मशीन से रात दिन कार्य कराया जा रहा है ।
राख निस्तारण के लिए तीस वर्षों पहले बना मिटीहिनी राख बंधा पिछले दिनों हुई मूसलाधार बारिश में एक जर्जर जगह दरक गया जिससे वहाँ स्थिति भयावह हो गई है इसको नियंत्रित करने के लिए सप्ताहभर से युद्ध स्तर पर रात दिन ठेकेदार द्वारा कार्य कराया जा रहा है राख बांध टूटने के डर से स्थिति से परियोजना अधिकारियों के पसीने छूट गए है ।
जानकारी के अनुसार तीस वर्षों पुराने मिटीहिनी में बने राख बंन्धे में अत्यधिक राख का दवाब होने के कारण वह धस गया और रिहंद जलाशय की ओर सीपेज कर गया समय रहते बांध टूटने जैसी घटना पर आपात कालीन कार्य करा कर स्थित को प्रबन्धन ने नियंत्रण में कर लिया है।लगातार हो रही बारिश से खतरा अभी टला नही है अगर स्थित नहीं संभाली गयी तो कई वर्षो से बांध में इकठ्ठा राख पानी सहित रिहंद जलाशय में फैल जाएगा जिससे जलीय जीव जंतु सहित पीने का पानी भी दूषित हो जाएगा।फिलहाल राख बंधे के दरके हुए हिस्से में मिट्टी बोल्डर भर कर दर्जनों मजदूर सहित पोकलेन जेसीबी से कार्य कराया जा रहा है बोल्डर मिट्टी के खिसकने के कारण परत दर परत मिट्टी और बोल्डर का दबाव सप्ताहभर से दिया जा रहा हैं। आगे के दिनों में बरसात का यही हाल रहा तो स्थिति बेकाबू हो सकती हैं जो परियोजना के उत्पादन पर भी असर डाल सकता हैं।बताया जाता हैं कि राख बंधे में जब राख भर जाता है तब बंधे की ऊंचाई मिट्टी व बालू बोल्डर से समय समय पर बढ़ाई जाती हैं।
इस बाबत एनटीपीसी प्रबंधन का पक्ष लेने के लिए उप प्रबंघक ( मानव संसाधन ) रौशन कुमार को फोन किया गया लेकिन उनका फोन नही उठा ।।