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रीतिका हुड्डा को आशीर्वाद देते पिता जगबीर हुड्डा और माता नीलम।
हरियाणा की पहलवान रीतिका हुड्डा आज पेरिस ओलिंपिक में 76 Kg वेट कैटेगरी में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। उनका मुकाबला दोपहर 3 बजे होगा। रीतिका ने 9 साल की उम्र में कुश्ती खेलनी शुरू की थी। उनका कहना है कि ओलिंपिक में गोल्ड जीतने के लिए उसने डेली 7 घं
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रीतिका हुड्डा ने पेरिस जाने से पहले कहा था, ‘जब उसका सिलेक्शन कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में नहीं हुआ तो कुश्ती छोड़ने का फैसला कर लिया था। माता-पिता ने उसे कुश्ती खेलने के लिए प्रेरित किया।
इसलिए उसने तय किया है कि वह किसी भी चीज को अपने दिमाग पर हावी नहीं होने देगी और खुलकर खेलेगी। उसने स्पीड वर्क और स्मार्ट वर्क पर खूब ध्यान दिया। उसका लक्ष्य गोल्ड लाना है।’
रीतिका हुड्डा के पेरिस ओलिंपिक में रवाना होने से पहले उनके घर पर पहुंचे लोग।
2015 में शुरू की थी कुश्ती
रीतिका हुड्डा रोहतक जिले के खरकड़ा गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता जगबीर हुड्डा किसान हैं। कुश्ती में आने से पहले पिता जगबीर ने उन्हें हैंडबॉल खेलने के लिए प्रेरित किया था। इसके बाद पिता को लगा कि व्यक्तिगत खेल अधिक अवसर प्रदान करते हैं।
इसलिए वे 2015 में रीतिका को छोटू राम अखाड़े में ले गए। वहां कोच मंदीप ने उनकी क्षमता को पहचाना।
रीतिका ने कहा कि उस समय उन्होंने नहीं सोचा था कि वह कभी ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करेंगी और पहली भारतीय महिला बनेंगी। ओलिंपिक में कई देश के खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। उन्हें हराने के लिए अलग-अलग रणनीति होती है। उन्होंने सभी के मुकाबले देखे हैं और उन पर काम किया है। कुछ के साथ अटैक करके खेलूंगी और कुछ के साथ डिफेंड करूंगी।
कहा- कोच और माता-पिता की अहम भूमिका
रीतिका हुड्डा ने कहा कि उनके कोच और माता-पिता ने उन्हें यहां तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है। उनके पिता जगबीर हुड्डा उनके लिए हर परिस्थिति में खाने-पीने और खेल से जुड़ी चीजें लाते हैं। उनकी मां नीलम उनके खाने-पीने का ख्याल रखती है। कोच मंदीप उन्हें मैदान में अच्छी ट्रेनिंग देते हैं। उनके आसपास के लोग भी उनका पूरा साथ देते हैं। भगवान जो भी देगा, वे उससे खुश रहेंगी।
रीतिका हुड्डा को आशीर्वाद देते हुए परिवार के बुजुर्ग।
रीतिका अंडर 23 वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी
रीतिका हुड्डा वर्ल्ड चैंपियनशिप के अंडर-23 वर्ग में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं। उन्होंने दिसंबर 2023 में अल्बानिया की राजधानी तिराना में आयोजित चैंपियनशिप में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल जीता। इससे पहले भारत की ओर से सिर्फ एक पुरुष पहलवान ने अंडर 23 वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था।
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