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नगर निगम की सिविल शाखा के चीफ इंजीनियर रहे प्रदीप कुमार जैन के घर और दफ्तर पर भोपाल लोकायुक्त पुलिस ने शुक्रवार सुबह छापा मारा। रिटायर होने के बाद करीब एक साल से जैन भोपाल स्मार्ट सिटी में संविदा पर सुप्रीटेंडिंग (एसई) के तौर पर पदस्थ हैं। लोकायुक्त
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जांच में पता चला कि बीते 10 साल में उन्हें सरकार से करीब 75 लाख रुपए वेतन मिला, लेकिन उन्होंने 2.25 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए हैं। उनके तीन मंजिला बंगले में देर रात तक चली सर्च में टीम को 86 लाख रुपए के जेवर, 3 मकान, 6 प्लॉट/जमीन के दस्तावेज, परिवार के सदस्यों के नाम 12 बैंक खाते, एक लॉकर और 65 लाख रुपए की इन्वेंट्री (घर का सामान) मिला है। फिलहाल यह संपत्ति करीब 7 करोड़ की आंकी जा रही है।
डीएसपी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि जैन के बंगले से देर रात तक करीब 7 करोड़ की संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं। वह यहां अपनी पत्नी के साथ रहते हैं। उनका बेटा अमेरिका की एक मल्टीनेशनल कंपनी में, जबकि बेटी कनाडा की एक बड़ी कंपनी में नौकरी करती हैं। टीम को एक टॉप मॉडल कार भी मिली है, जो उनके नाम पर नहीं है।
टीम ने छापे की पूरी कार्रवाई नए कानूनों के तहत की, जिसमें देर रात तक चली सर्च की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई। 2019 में ईओडब्ल्यू में खत्म हो गई जांच प्रदीप जैन के खिलाफ दो बार आय से अधिक संपत्ति की ईओडब्ल्यू में भी शिकायत की जा चुकी है। 2019 में हुई दोनों शिकायतों पर जांच प्रकरण भी दर्ज किए गए, लेकिन कुछ समय बाद ही इन्हें बंद कर दिया गया। जैन के खिलाफ कई विभागीय जांच चलने का भी टीम को पता चला है।
आय से 300% अधिक संपत्ति के प्रमाण
^आय से 300% अधिक संपत्ति अर्जित करने के प्रमाण मिलने पर प्रदीप जैन के पर एफआईआर दर्ज की गई है। उनका बैंक लॉकर सोमवार को खोला जाएगा। – मनु व्यास, एसपी लोकायुक्त, भोपाल
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