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विदिशा का प्राचीन विजय सूर्य मंदिर जिसे बीजा मंडल के नाम से जाना जाता है। मंदिर एएसआई के अधीन में है। मंदिर में हिंदुओ को सिर्फ नागपंचमी के मौके पर मंदिर परिसर में बंद ताले के बाहर पूजन करने की अनुमति है। काफी समय से हिंदू संगठन के लोग मंदिर का ताला
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शाम के समय विधायक और वीजा मंडल मुक्ति सेवा समिति के अध्यक्ष मुकेश टंडन और हिंदू संगठनों के लोग विजय सूर्य मंदिर पहुंचे और उन्होंने परिसर में लगे ताले की पूजा अर्चना की। मुकेश टंडन नेंकहा कि जिस समय जब यह बटवारा हुआ था उसे समय अगर बराबर बराबर का बंटवारा हुआ होता तो आज यहां पर भव्य मंदिर बनकर तैयार होता । आज हमने यहां पर पूजा की है और भगवान से कामना की है कि इस मंदिर को मुक्त करने में और इस मंदिर का निर्माण करने में भगवान हमे आशीर्वाद प्रदान करें, चाहे हमें कोर्ट में जाना पड़े , चाहे हमें केंद्र के मंत्रियों के पास जाना पड़े। समाज को संगठित करना पड़े हम करेंगे।
यह यह विषय विदिशा का नहीं हिंदू समाज का है विदिशा में 3 लाख लोग रहते है सबकी यही भावना है कि इसका रास्ता ऐसा निकले की जिससे हमारी धार्मिक आस्था है आहत भी ना हो हमारे धर्मशास्त्र के अनुसार पूजन करने में विध्न न पड़े । यहां एक विशाल मंदिर बन जाए उसके लिए हम दृढ़ संकल्पित है , हर स्तर पर जाने का प्रयास करेंगे, आगे हम कानूनी विशेषज्ञ की राय लेंगे और कोर्ट में जाएंगे
शास्त्री जी बैठे धरने पर
आज भी बंद ताले की पूजन करने से पंडित नंदकिशोर शास्त्री जी और हिंदू समाज के लोग नाराज हो गए , वह वहीं पर बैठकर धरना देने लगे, मंदिर का ताला खोलने की मांग को लेकर नारेबाजी की उनका कहना था। विजय मंदिर मुक्ति सेवा समिति के अध्यक्ष मुकेश टंडन ने उनसे वादा किया था कि इस साल में मंदिर परिसर का ताला खुलवाकर अंदर पूजा करेंगे पर ऐसा नहीं हुआ बंद ताले की पूजा करना धर्म संवत नहीं है शास्त्रों में ताले की पूजा करना नहीं बताया गया। हालांकि उनके बिगड़ते स्वास्थ्य को देखते हुए हिंदू संगठन के लोगों के कहने पर पंडित नंद किशोर शास्त्री जी अपना धरना समाप्त किया ।
वीजा मंडल परिसर के ताले खोलकर अंदर पूजा करने की अनुमति को लेकर हिंदूवादी संगठन पिछले कई वर्षों से आंदोलन करते आ रहे हैं और इस बार भी नाग पंचमी के मौके पर परिसर के अंदर पूजा करने की अनुमति मांगी गई थी, विजय सूर्य मंदिर का एएसआई द्वारा किया जाता है।
कलेक्टर ने बीजा मंडल परिसर के बंद ताला खोलने से इनकार कर दिया था। कलेक्टर के इस लेटर के बाद एक नया विवाद शुरू हो गया है। एएसआई वीजा मंडल को विजय सूर्य मंदिर न मानते हुए एक मस्जिद मानता है और सरकारी दस्तावेजों में वीजा मंडल मस्जिद के नाम से दर्ज है। जिसके बाद हिंदूवादी संगठनो में नाराजगी है उन्होंने बीजा मंडल को मस्जिद बताने पर आपत्ति उठाते हुए ज्ञापन सौंपा था और मस्जिद शब्द हटाने की मांग की।
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