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किसानों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन।
सिरोही शिवगंज तहसील के कई गांव के लोग जिला प्रमुख तथा पूर्व प्रधान की अगुआई में गुरुवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने कलेक्टर को ज्ञापन देकर बताया कि कोई अज्ञात कंपनी के दलाल क्षेत्र के किसानों को बिना सही जानकारी दिए उनकी जमीन को लीज पर लेने की प्र
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जिला प्रमुख नारायण पुरोहित तथा शिवगंज के पूर्व प्रधान दिलीप सिंह माडानी के साथ करीब दर्जन भर गांव से काफी संख्या में किसान कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे, कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि सिरोही शिवगंज तहसील के आसपास के कुछ काश्तकारों की जमीन को विभिन्न कंपनियों द्वारा करीब 12000 बीघा जमीन लीज पर लेने की प्रक्रिया प्रयासरत है। काश्तकारों की जमीन बिजली उत्पादन के लिए कुछ दलालों द्वारा अज्ञात कंपनी के नाम से लिस्ट करवाई जा रही है। जिले के बाहर के दलाल तथा स्थानीय दलाल के साथ राजस्व विभाग के कर्मचारी अधिकारी की मिली भगत से यह कार्य चल रहा है।
किसानों ने दलालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
उन्होंने कहा कि यह भ्रम की स्थिति है की मूल एजेंसी कौन है, उसके जिम्मेदार कर्मचारी कौन है, इसके क्या नियम है आदि की जानकारी किसी काश्तकार को पता नहीं है। जिससे काश्तकार असमंजस की स्थिति में है। इस सोलर-हब बनने से ग्रामीणों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। लगभग 12000 बीघा में सोलर प्लांट लगेगा तो आने जाने के रास्ते और सभी रास्ते बंद हो जाएंगे जिससे लोगों को काफी सुविधा रहेगी। प्रस्तावित भूमि में सारे पेड़ काट दिए जाएंगे। जिससे पर्यावरण पर भारी प्रभाव पड़ेगा। वहां चरने के लिए आने वाले मवेशियों को नुकसान होगा। 12000 बीघा में बाजरा, मूंग, तिल, ग्वार, गेहूं, ज्वार, मक्का की फसलें उगाई जाती हैं। उनका भूसा मवेशियों के काम आता है। फसल नहीं होगी तो मवेशियों के लिए चारे का संकट खड़ा हो जाएगा।
किसानों ने कहा कि प्लांट के परिधि में आने वाली गोचर भूमि और तालाब आदि प्रभावित होगीं। वहां आना-जाना गैरकानूनी घोषित किया जा सकता है। विद्युत योजना सिरोही जिले के लिए भौगोलिक रूप से भी सही नहीं है, क्योंकि यहां का रकबा भूमि कम है। जैसलमेर-बाड़मेर में बड़े-बड़े रकबे होते हैं। वहां इस तरह की योजना व्यावहारिक है, लेकिन सिरोही में नहीं।
उन्होंने बताया कि जिले में इतना बड़ा घोटाला हो रहा है। बिना प्रशासन की जानकारी के दलाल किसानों की भूमि का एग्रीमेंट कर रहे हैं। उसमें छिपी हुई शर्तों को नहीं बता रहे हैं। अगर किसी काश्तकार की मौत हो जाती है तो उसके बच्चों का क्या होगा। कोई काश्तकार जमीन बेचना चाहता है तो बैंक द्वारा लिए गए ऋण पर बैंक द्वारा जमीन कुर्क करने पर क्या स्थिति होगी, इसका खुलासा दलाल नहीं कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन को सख्त कार्रवाई करते हुए दलालों के खिलाफ जांच कर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
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