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Sheikh Hasina
– फोटो : अमर उजाला
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बांग्लादेश में आज के हालात ने वर्षों पुरानी कहानी दोहरा दी। 1971 में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के ढाका स्थित आवास को पाकिस्तानी सेना ने चारों ओर से घेर लिया था। कोई अंदर जाने की कोशिश करता तो पाकिस्तानी सेना के जवान उन्हें गोली मार देते थे।
इसकी जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचे भारतीय सेना के जवानों ने परिवार को सुरक्षित निकाला। भारतीय सेना के इस दल में मुरादाबाद के जेपी सिंह भी शामिल रहे। सिविल लाइंस के आवास विकास कॉलोनी निवासी मेजर जेपी सिंह ने बताया कि 15 दिसंबर 1971 को पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में पाकिस्तानी सेना ने मार काट शुरू कर दी थी।
पाकिस्तानी सेना ने ढाका में शेख हसीना के आवास को घेर लिया था। उस वक्त मेजर जेपी सिंह अपनी टोली के साथ शेख हसीना के आवास से करीब पांच किलोमीटर की दूरी पर थे। उन्हें सीनियर से आदेश मिला कि वह टोली लेकर शेख मुजीब उर रहमान के परिवार को सुरक्षित निकालें।
वह अपनी टोली के साथ मौके पर पहुंचे, तब तक वहां कर्नल तारा भी फोर्स के साथ पहुंच गए थे। उस वक्त शेख मुजीब उर रहमान के परिवार में 30 लोग मौजूद थे। इस बीच शेख हसीना के आवास में जो भी जाने की कोशिश करता था तो पाकिस्तानी जवान उन्हें गोली मार देते थे। इसी दौरान दूसरे इलाकों में पाक सैनिक सरेंडर करने लगे थे।
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