[ad_1]
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सचिव पर हाईकोर्ट में झूठा हलफनामा दाखिल करने का आरोप लगाया है। सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को कहा कि स्वास्थ्य सचिव ने बिना उनकी जानकारी के गोपनीय रूप से हलफनामा दाखिल किया है। इसमें उपराज्यपाल के अधीन आने वाले सर्विसेज विभाग की स्टैंडिंग काउंसिल ने मदद की है।
स्वास्थ्य मंत्री ने आरोप लगाया कि हलफनामे में अस्पतालों और दवाइयों की कमियों को छिपाया गया, ताकि मरीज परेशान होते रहें। जानबूझकर स्वास्थ्य मंत्री को फंसाने के लिए यह हलफनामा दायर किया गया है। उन्होंने कहा कि साल 2017 से हाईकोर्ट में दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में एक याचिका पर सुनवाई चल रही है।
उपराज्यपाल की शक्ति राज्यों के राज्यपाल से क्यों अलग? MCD वाले केस में SC ने बताई वजह
इसमें हाईकोर्ट ने कहा था कि दिल्ली में सभी अस्पतालों में आईसीयू बेड और मरीजों के इलाज के लिए सभी सुविधाएं होनी चाहिए। इस संबंध में अदालत में कई बार दिल्ली स्वास्थ्य विभाग की ओर से हलफनामे दिए गए। भारद्वाज के अनुसार, मामले की जानकारी होने पर उन्होंने हाईकोर्ट में एक हलफनामा दायर किया। इसमें बताया गया कि अस्पतालों की मुख्य समस्याओं को जानबूझकर छिपाया जा रहा है। हाईकोर्ट के समक्ष केवल द्वितीय स्तर की समस्याएं प्रस्तुत की जा रही हैं। अस्पतालों में आईसीयू और ऑपरेशन थिएटर से संबंधित बड़ी समस्याओं का सबसे बड़ा कारण डॉक्टरों, स्पेशलिस्ट, पैरामेडिकल स्टाफ और टेक्निशियन की भारी कमी है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हाईकोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए डॉ. सरीन की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया और उस कमेटी ने अदालत के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। कोर्ट ने इस रिपोर्ट के अनुसार आदेश पारित किया कि दिल्ली सरकार कमेटी की सिफारिश के अनुसार काम करे। 24 मई 2024 को हाईकोर्ट ने पूछा कि दिल्ली सरकार का स्वास्थ्य विभाग बताए कि डॉक्टर सरीन की कमेटी द्वारा की गई सिफारिश पर सरकार ने अब तक क्या काम किया है। इस संबंध में दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग की ओर से हलफनामा हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री होने के बावजूद ना तो वह हलफनामा उन्हें दिखाया गया और ना ही उनसे अनुमति ली गई।
मंत्री बोले, कई बार कहने के बाद भी अनुमति नहीं ली
भारद्वाज ने कहा कि 2023 से उन्होंने और कानून विभाग ने कई बार यह बात कही है कि यदि विभाग की ओर से कोई भी हलफनामा कहीं दिया जाता है तो मंत्री की अनुमति ली जाए, क्योंकि जवाबदेही मंत्री की होती है। इसके बाद भी बिना उनकी जानकारी के यह हलफनामा हाईकोर्ट में दिया गया। चौंकाने वाली बात यह है कि हलफनामा दिल्ली सरकार की स्टैंडिंग काउंसिल द्वारा नहीं बल्कि सर्विसेज विभाग की स्टैंडिंग काउंसिल की ओर से हाईकोर्ट में दिया गया। सौरभ ने कहा कि यह हलफनामा झूठा है। यदि दिल्ली सरकार के वकील की ओर से दायर किया जाता तो वह जरूर विभाग के मंत्री के से अनुमति लेते।
न्यायपालिका को गुमराह कर रहे मंत्री : राजनिवास
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज की प्रेसवार्ता कर दी गई जानकारी पर राजनिवास ने कड़ी आपत्ति जताई है। राजनिवास द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री द्वारा दिया गया एक और भ्रामक और झूठा बयान, इस बार न केवल दिल्ली के लोगों को बल्कि न्यायपालिका को भी गुमराह करने के लिए दिया गया है। सचिवालय स्वास्थ्य मंत्री की ओर से दिए गए बयानों पर ठोस प्रतिक्रिया देगा।
जनता ‘आप’ की असलियत समझ चुकी : भाजपा
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि ‘आप’ के मंत्री हताश नजर आ रहे हैं। वे कह रहे हैं कि अफसर झूठ बोल रहे हैं। उनके कार्यकाल के दौरान दिल्लीवालों ने मोहल्ला क्लीनिक में जांच से संबंधित घोटाले देखे हैं। इसके अलावा सरकारी अस्पतालों के काउंटर से नकली दवाइयों का वितरण हुआ है। जनता अब उनकी असलियत समझ चुकी है।
[ad_2]
Source link