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पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र आैर सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र नई दिल्ली के साझे में शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में रविवार को मासिक नाट्य संध्या रंगशाला में महानाट्य कुशल वीरांगना रानी दुर्गावती का मंचन किया जाएगा। नाटक की कहानी महान वीरा
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रानी दुर्गावती ने बड़े साहस और कुशल नेतृत्व से मुगल साम्राज्य की ताकत का सामना किया। उन्होंने अपने समय की कई अन्य वीरांगनाओं की तरह दुश्मन की गुलामी के बजाय मौत को गले लगाना स्वीकार किया। इसीलिए उनका नाम इतिहास की शानदार शहादतों में शुमार हो गया।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक फुरकान खान ने बताया कि हर माह के प्रथम रविवार को मासिक नाट्य संध्या रंगशाला के तहत नाटक का मंचन किया जाता है। इस बार का नाटक महानायिका की 500वीं जयंती के मौके पर एक श्रद्धांजलि होगी। इस नाटक की संकल्पना एवं निर्देशन सीसीआरटी अध्यक्ष डॉ. विनोद नारायण इंदूरकर, निदेशक सीसीआरटी निमार्ण प्रमुख राजीव कुमार, लेखक जलेशा सिद्धार्थ सीसीआरटी अध्येता हैं। दर्पण सभागार में रात 7 बजे से होने वाले इस नाटक में आमजन का प्रवेश निशुल्क रहेगा।
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