[ad_1]
Life On Mars: मंगल ग्रह पर जीवन होने के दावे अक्सर किए जाते रहे हैं. कोई मंगल ग्रह पर जीवन होने की बात करता है तो किसी ने इस ग्रह पर अपना वायुमंडल होने की भी कई बार बात की है. हालांकि हाल ही में नासा के दावे चौंकाने वाले है. दरअसल, नासा ने हाल ही में मंगल ग्रह पर क्यूरियोसिटी रोवर (Curiosity Rover) भेजा था.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में दावा किया गया कि क्यूरियोसिटी रोवर को मंगल ग्रह पर जीवन के सबूत मिले हैं. हालांकि इस संबंध में नासा ने अबतक कोई भी पुष्टि नहीं की है लेकिन लंबे समय से नासा मंगल ग्रह पर जीवन की जांच में जुटा है.
चेवाया फॉल्स रॉक की खोज
नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने चेवाया फॉल्स रॉक की खोज की है. ये खोज दर्शाती है कि मंगल ग्रह पर प्राचीन जीवन था. 30 मई, 2024 को क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल पर आकर्षक पीले सल्फर क्रिस्टल भी खोजे.
लोहे और सल्फर जैसी संरचनाएं भी मिलने का दावा है जो जीवन के लिए बेहद जरुरी है. बता दें इससे पहले कभी भी मंगल ग्रह पर पीले सर्फर क्रिस्टल नहीं पाए गए थे. वैसे नासा का क्यूरियोसिटी रोवर गेडिज वैलिस चैनल की खोज कर रहा था लेकिन उसे इस दौरान पीला सल्फर भी मिला.
गलती से तोड़ी चट्टान
कई रिपोर्टस में ये भी कहा जा रहा है कि नासा के क्यूरियोसिटी रोवर से गलती से एक चट्टान टूट गई जिसमें शुद्ध सल्फर क्रिस्टल निकलने शुरू हो गए. अहम ये है कि शुद्ध सल्फर पृथ्वी पर ज्वालामुखी और हाइड्रोथर्मल गतिविधियों के दौरान निकलता है. शुद्ध सल्फर क्रिस्टल की मौजूदगी जैविक गतिविधियों की ओर इशारा करती है.
तीर के आकार की थी चट्टान
नासा के क्यूरियोसिटी रोवर से जो चट्टान टूटी उसकी लंबाई 3.2 फीट थी. इस दौरान रोवर को हेमटाइट और पिग व्हाइट कैल्शियम सल्फेट विंसलेट भी मिला. कई वैज्ञानिकों का मानना है कि जरूरी तत्वों का निर्माण तब हुआ जब यहां पानी बहता था.
ये भी पढ़ें: इंटरनेशनल स्पेस सेंटर जाएगा ये भारतीय एस्ट्रोनॉट, लग गई मुहर, बैकअप भी है तैयार
[ad_2]
Source link