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हरियाणा विधानसभा चुनाव में बेशक तीन महीने बाकी हों लेकिन यहां सियासी पारा हर दिन चढ़ने लगा है। अभी तक भाजपा में ही केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत दक्षिण हरियाणा से सीएम बनाने की आवाज उठाते रहे हैं लेकिन अब इसमें कांग्रेस भी शामिल हो गई है।
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जाट महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश धनखड़ ने कांग्रेस नेता और स्व. शरद यादव के समधी राव कमलबीर सिंह को पार्टी की ओर से CM चेहरा बनाने की मांग की है। राव कमलबीर सिंह कांग्रेस में राहुल गांधी के करीबी बताए जा रहे हैं। शुक्रवार को गुरुग्राम में मीडिया से बातचीत में राजेश धनखड़ ने दावा किया कि राव कमलबीर सिंह के हक में दक्षिण हरियाणा में मुहिम शुरू की जा चुकी है।
दावा- सैलजा-रणदीप के साथ अब यादव भी
जाट महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश धनखड़ ने कहा कि पहले कांग्रेस के अंदर सैलजा-किरण चौधरी और रणदीप सुरजेवाला का SRK गुट था। इसमें एक दलित और दो जाट नेता थे। किरण चौधरी के BJP में चले जाने के बाद अब इस धड़े में वो जगह राव कमलबीर सिंह ने ले ली है। जातिगत रूप से देखा जाए तो अब इस धड़े में एक दलित, एक जाट और एक यादव नेता हो गए हैं।
इसी वजह से समर्थक राव कमलबीर सिंह को सीएम चेहरा बनाने के लिए दक्षिण हरियाणा में मुहिम चला रहे हैं। दरअसल कमलबीर के समर्थक चाहते हैं कि पूरे दक्षिण हरियाणा के कांग्रेसियों को अपने पाले में कर यहां से BJP का सफाया किया जाए।
2019 में राहुल कैंप से मिली टिकट
कमलबीर के बेटे राजकमल की शादी जनता दल के दिग्गज नेता रहे स्व. शरद यादव की बेटी सुभाषिनी शरद यादव के साथ हुई है। राहुल गांधी सुभाषिनी शरद यादव को अपनी बहन मानते हैं। राजकमल और सुभाषिनी की शादी के बाद राव कमलबीर सिंह की राहुल गांधी कैंप में सीधी एंट्री हुई। इसके बाद 2019 के विधानसभा चुनाव में तमाम प्रेशर के बावजूद कमलबीर को बादशाहपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस का टिकट मिल गया। हालांकि तब वह जीत नहीं पाए। इस बार वह फिर से ताल ठोंकने को तैयार है।
कमलबीर बोले-दादा ने छुआछूत खत्म कराई
कमलबीर सिंह ने भास्कर से बातचीत में कहा कि उनका परिवार कई बरसों से समाजसेवा में है। सियासत उन्हें विरासत में मिली है। कमलबीर ने बताया कि छूआछूत को खत्म करने के लिए उनके दादा राव मोहर सिंह ने ही सभी जाति-बिरादरी के लोगों के यहां जाकर हुक्का पीना शुरू किया था।
बादशाहपुर-सोहना से लड़ सकते चुनाव
2019 में बादशाहपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले कमलबीर सिंह ने इस बार अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। पुत्रवधू सुभाषिनी शरद यादव की वजह से उनकी राहुल गांधी के यहां सीधे एंट्री है। राजनीतिक जानकार भी मानते हैं कि राहुल गांधी का करीबी होने के कारण कमलबीर को टिकट मिलने के पूरे चांस हैं। वह बादशाहपुर से ही चुनाव लड़ेंगे या सोहना शिफ्ट होंगे? इसके लिए सियासी समीकरण बैठाए जा रहे हैं।
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