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गुरुग्राम नगर निगम ने अपने अंडर आते एरिया से कूड़ा-कचरा उठाने में किसी तरह के भ्रष्टाचार से इनकार किया है। कूड़ा लिफ्टिंग में करप्शन से जुड़े आरोपों पर बुधवार को नगर निगम ने अपनी तरफ से सफाई दी।
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नगर निगम के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (स्वच्छ भारत मिशन) निजेश कुमार ने दावा किया कि स्वीप के तहत 58 हजार 701 मीट्रिक टन (MT) कचरा शहर के अलग अलग इलाकों से उठाकर बंधवाड़ी डंपिंग प्लांट में भिजवाया गया। इसके बदले में अलग-अलग एजेंसियों को निर्धारित दरों के मुताबिक 22 करोड़ 89 लाख 3 हजार 390 रुपए का भुगतान किया जाना है।
निजेश कुमार की ओर से कहा गया कि ठोस कचरा पर्यावरण आवश्यकता कार्यक्रम (स्वीप) के तहत गुरुग्राम को साफ-सुथरा बनाने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया गया। सड़कों-गलियों, ग्रीन बेल्ट और बाजार समेत बाकी सार्वजनिक स्थानों की साफ-सफाई दुरुस्त की गई। साथ ही गारबेज वर्नेबल प्वाइंट्स और सेकेंडरी कलेक्शन प्वाइंट्स से कचरा उठाकर बंधवाड़ी प्लांट में पहुंचाया गया।
गुरुग्राम नगर निगम इलाके से कूड़ा उठाने में लगे डंपर।
निजेश कुमार ने बताया कि स्वीप के दौरान जुलाई में कुल 58 हजार 701 मीट्रिक टन कचरा बंधवाड़ी प्लांट भिजवाया गया। इसके लिए पूरी प्रक्रिया फॉलो करते हुए एजेंसियों को आमंत्रित किया गया और 390 रुपये प्रतिटन की दर पर कचरा उठाने का काम अलॉट कयिा गया।
साफ-सफाई का ठेका लेने वाली एजेंसियों ने शहर में अलग-अलग जगह बने सेकेंडरी कचरा कलेक्शन प्वाइंट्स से कूड़ा उठाकर बंधवाड़ी प्लांट पहुंचाया। बंधवाड़ी प्लांट पर डोजर और पोकलेन मशीनरी की मदद से कचरे को मैनेज करने का काम एजेंसियां ही कर रही हैं।
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