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मध्यप्रदेश के कृषि विभाग के पूर्व डायरेक्टर जी एस कौशल के साथ 5 जुलाई को साइबर फ्रॉड हुआ। बैंककर्मी बनकर एक जालसाज ने उनके खाते से 5 लाख रुपए निकाल लिए। उन्होंने इसकी शिकायत साइबर क्राइम से की है। कौशल इस बात से हैरान है कि उन्होंने जालसाज से केवल सा
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दरअसल, जालसाजों ने साइबर फ्रॉड का नया तरीका ढूंढ निकाला है। वे मोबाइल फोन पर एक लिंक शेयर करते हैं। उस लिंक को क्लिक करते ही मोबाइल की सारी जानकारी उन तक पहुंच जाती है। मप्र में रोजाना इस तरह से फ्रॉड के मामले सामने आ रहे हैं।
दैनिक भास्कर ने एक्सपर्ट से समझा कि आखिर जालसाज कैसे एक लिंक से आपके बैंक अकाउंट तक पहुंच जाते हैं? एक्सपर्ट ने भास्कर को ऐसा करके दिखाया है। एक्सपर्ट ने अपने ही मोबाइल फोन पर एक लिंक भेजी और जब इसे क्लिक किया तो महज 3 सेकेंड में मोबाइल फोन का पूरा डेटा एक्सपर्ट के लैपटॉप पर था। ऐसी अनजान लिंक से कैसे बच सकते हैं? ये जानने के लिए पढ़िए पूरी रिपोर्ट
पहले इन दो मामलों से समझिए कैसे अनजान लिंक से बैंक अकाउंट खाली हो गया
पहला मामला: बैंककर्मी बनकर, खाते से निकाले 5 लाख रुपए
ये फ्रॉड हुआ मध्यप्रदेश के एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के पूर्व डायरेक्टर जीएस कौशल के साथ।उनके बेटे रोहित कौशल ने बताया कि पिताजी 1 जुलाई को 80 साल के हो गए हैं। सरकारी नियम के मुताबिक अब उनकी पेंशन में 20 फीसदी की बढ़ोतरी होना चाहिए। जब उनके खाते में पेंशन जमा हुई तो वह बैंक से संपर्क की कोशिश कर रहे थे।
3 जुलाई को उनके मोबाइल नंबर पर 9109951544 नंबर से एक कॉल आया। जिसने कॉल किया उसने खुद को बैंक का अधिकारी बताया और बोला कि वो मदद करेगा। फिर उसने पिताजी से जन्मतिथि, अकाउंट नंबर, मोबाइल नंबर, बैंक अकाउंट डिटेल और नॉमिनी डिटेल की जानकारी हासिल की।
इसी के साथ उसने वॉट्सऐप पर एक रैफरेंस नंबर के साथ लिंक भी भेजी। पिताजी ने उस लिंक को क्लिक किया मगर वो ओपन नहीं हुई। दूसरे दिन 4 बजे फिर उसी जालसाज का फोन आया उसने अकाउंट में एक और नॉमिनी ऐड करने के लिए बोला। उसने मेरी और मां की डिटेल जानकारी हासिल कर ली।
ये डिटेल लेकर जालसाज ने मोबाइल पर फिर एक लिंक भेजी। इसे भेजने के बाद उसने कॉल किया और कहा कि लिंक को ओपन कर सीधे खुद ही इन्फॉर्मेशन अपडेट कर लीजिए। पिताजी ने ये इन्फॉर्मेशन अपडेट कर दी। उन्हें नहीं पता था कि ऐसा कर उन्होंने अपने मोबाइल का एक्सेस जालसाज को दे दिया था।
दूसरा मामला: मोबाइल को हैक कर दो बार में 4.50 लाख रु. निकाले
ये मामला हुआ एमपी टूरिज्म डिपार्टमेंट के फोर्थ क्लास कर्मचारी केवलराम मालवीय के साथ। केवलराम कहते हैं कि 15 जुलाई को शाम 6 बजे ऑफिस से घर लौट रहा था, इस दौरान मेरे मोबाइल पर 4 लाख रु. अकाउंट से निकाले जाने का मैसेज आया।
मैं कुछ समझता तत्काल ही 50 हजार रु. और निकाले जाने का मैसेज मिला। जैसे ही मैंने इन दोनों मैसेज पर क्लिक किया। मेरे मोबाइल के सारे मैसेज डिलीट हो गए। केवलराम से पूछा कि क्या उनके पास कोई लिंक आई थी तो वे बोले मोबाइल में अलग अलग तरह के मैसेज आ रहे थे। ये कौन कर रहा था मुझे जानकारी नहीं थी। मैं इनका जवाब भी नहीं दे रहा था।
केवलराम के खाते में कुल 4 लाख 70 हजार रुपए थे। जिनमें से साइबर ठगों ने 4 लाख 50 हजार रुपए निकाल लिए। इस घटना के बाद केवल राम ने साइबर क्राइम ब्रांच को लिखित में शिकायत की है।
अब साइबर एक्सपर्ट महेश श्रीवास्तव से समझिए कैसे बचा जा सकता है फ्रॉड से
सवाल: कौशल और केवलराम किस तरह से साइबर फ्रॉड का शिकार हुए?
एक्सपर्ट: ये दोनों APK लिंक फ्रॉड के मामले हैं। कृषि विभाग के रिटायर्ड अधिकारी जी एस कौशल को जालसाज ने दो बार लिंक भेजी इसके जरिए कौशल के मोबाइल का पूरा एक्सेस उसके पास पहुंच गया। उनके मोबाइल पर आने वाले मैसेज और कॉल भी जालसाज देखने लगा। इसी तरह केवलराम को जो ओटीपी के मैसेज आए उनमें कोई एक लिंक रही होगी। जिस पर उन्होंने क्लिक किया होगा और उनके मोबाइल का पूरा एक्सेस जालसाज के पास पहुंच गया।
सवाल: मोबाइल एक्सेस से आपका क्या मतलब है?
एक्सपर्ट: इसका मतलब है कि आपके फोन में होने वाली हर गतिविधि को दूर बैठकर हैकर्स देख सकते हैं। इसमें यूजर के फ्रंट और बैक कैमरे का एक्सेस भी हैकर्स के पास होता है। वे आपके प्राइवेट मूवमेंट को भी देख सकते हैं। मेरे पास ऐसे कई मामले आए जिसमें कई लोगों के प्राइवेट मूवमेंट के फोटो या वीडियो रिकॉर्ड किए गए। इसके बाद यूजर के फोटो वायरल करने की धमकी देकर उन्हें ब्लैकमेल किया गया।
सवाल: APK फाइल की लिंक भेजने के लिए हैकर्स कौन से तरीके इस्तेमाल करते हैं ?
एक्सपर्ट: ज्यादातर मामलों में बैंक के कर्मचारी या फिर सरकारी योजनाओं का फायदा देने के बहाने धोखाधड़ी करते हैं। कुछ लोग क्रेडिट कार्ड में लिमिट बढ़ाने, ऑफर देने के बहाने या फिर अन्य तरीके इस्तेमाल करते हैं। ई कॉमर्स कंपनियों की सेल होती है तो मोबाइल नंबर पर ऑफर की लिंक भेजते है जबकि वह फ्रॉड लिंक होती है।
सवाल: इससे बचने का तरीका क्या है?
एक्सपर्ट: पहली बात तो ऐसे लोगों के झांसे में न आए। किसी अनजान नंबर से आने वाले फोन को रिसीव ही न करें तो बेहतर है। यदि मैसेज में कोई लिंक आती है और उसके बारे में आपको पता नहीं है उसे क्लिक न करें, बल्कि सीधे डिलीट कर दें। फोन में एंटी वायरस एप्लिकेशन इन्स्टॉल करके रखे।
सवाल: यदि गलती से लिंक क्लिक हो गई तो फिर कैसे बच सकते हैं?
एक्सपर्ट: गलती से लिंक क्लिक हो जाए तो इससे बचने के चांस बेहद कम होते हैं। आजकल मोबाइल 5G स्पीड पर काम करते हैं। हैकर्स कोई गलती नहीं करते चंद सेकेंड में वह आपके मोबाइल का एक्सेस हासिल कर लेते हैं।
सवाल: यदि कोई वाई-फाई या मोबाइल नेटवर्क ऑप्शन को बंद कर दें?
जवाब: पहली बात तो APK फाइल की लिंक को क्लिक करेंगे तो वो खुलेगी ही नहीं। ज्यादातर लोग इसी वजह से इस पर ध्यान नहीं देते। मगर, उन्हें पता नहीं होता कि ये बैकग्राउंड में काम करती है। आपने मोबाइल नेटवर्क या वाई-फाई ऑप्शन को बंद भी कर दिया तब तक सारी डिटेल तो हैकर्स तक पहुंच ही जाती है।
ठगी से बचने के लिए यह सावधानी बरतें…
- आपका पार्सल आने वाला है और आपको कोई लिंक या मैसेज मिलता है तो आप पहले पार्सल कंपनी से कन्फर्म करें।
- किसी भी लिंक पर क्लिक न करें न ही कोई फाइल डाउनलोड करें।
- किसी भी तरह के फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन से पहले उस लिंक को पूरी तरह वैरीफाई करें।
- इंडिया पोस्ट नाम से मैसेज आए तो सतर्क रहें।
- अनजान नंबर खास तौर पर +92 से आने वाले कॉल, वॉट्सऐप कॉल/वीडियो कॉल, टेलीग्राम कॉल न उठाएं।
- भारतीय कानून में डिजिटल अरेस्ट का कोई नियम नहीं है, इसलिए किसी के कहने पर या डर से खुद को कहीं बंद न करें।
- निजी जानकारी जैसे बैंक खाते संबंधी, आधार किसी के साथ साझा न करें।
- कोई भी संस्था आपसे आपका पैसा किसी भी सरकारी खाते में जमा करने या सुरक्षित करने की सलाह नहीं देता। पैसा अनजान खाते में ट्रांसफर न करें।
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