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गुरुग्राम नगर निगम में ठेकेदार और प्राइवेट कंपनियां सरकारी अफसरों पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं। नगर निगम एरिया से कूड़ा उठाने वाली कंपनी ने डेढ़ माह में 9 करोड़ 80 लाख रुपए का बिल बना डाला। हैरानगी वाली बात ये है कि इससे पहले जिस इको ग्रीन नामक कंपनी के
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कंपनी बदलते ही बिल चार गुना बढ़ जाने से निगम के कई अधिकारी भी सकते में आ गए हैं। यह आलम तब है जबकि कंपनी के पास न तो पर्याप्त संसाधन हैं और न ही स्टाफ। कूड़ा उठाने वाली जिन गाड़ियों की क्षमता ही 15 से 18 टन है, बिलों में दिखाया गया कि बंधवाड़ी डंपिंग साइट पर उनमें 35 से 45 टन तक कूड़ा ढोया गया।गुरुग्राम नगर निगम की सफाई व्यवस्था पर हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी टीवीएसएन प्रसाद खुद सवाल उठा चुके हैं। इस बीच आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता माइकल सैनी ने इसे बड़ा घोटाला बताते हुए इसकी विजिलेंस जांच की मांग की है।
मई अंत में बदला गया ठेका
गुरुग्राम नगर निगम में मई-2024 तक डोर-टू-डोर कूड़ा लिफ्टिंग का काम इको ग्रीन कंपनी के पास था। कंपनी के कामकाज में अनियमितताएं पाए जाने पर मई महीने के आखिर में इको ग्रीन कंपनी के साथ कॉन्ट्रेक्ट खत्म करके 240 रुपए प्रति टन कूड़े के हिसाब से 2 कंपनियों को ठेका दे दिया गया। इन कंपनियों ने रेट कम बताते हुए कूड़ा लिफ्टिंग का काम करने से इनकार कर दिया।
इसके बाद नगर निगम अफसरों ने आनन-फानन में रातोंरात शॉर्ट टर्म टेंडर निकालकर विमलराज समेत आधा दर्जन कंपनियों को शहर के 20-22 सेकेंडरी कलेक्शन प्वाइंट्स से 390 रुपए प्रतिटन के हिसाब से कूड़ा उठाने का काम दे दिया। यहीं से असली खेल शुरू हुआ।
गाड़ियों में दिखा डाला क्षमता से दोगुना कूड़ा
बंधवाड़ी गांव में कूड़ा निस्तारण केंद्र बनाया गया है जहां गुरुग्राम और फरीदाबाद नगर निगमों का कूड़ा गाड़ियों में लाया जाता है। बंधवाड़ी में बने धर्मकांटा पर कूड़ा लेकर आने वाली सभी गाड़ियों का वजन किया जाता है और फिर उसे बिल पर लिखा जाता है।
मजेदार बात ये है कि कूड़ा लिफ्टिंग करने में जो गाड़ियां लगी हैं, उन्हें बनाने वाली कंपनियों के मुताबिक इन गाड़ियों की क्षमता 15 से 18 टन की है मगर बंधवाड़ी से जारी बिलों में दिखाया गया कि इन गाड़ियों में 35 से 45 टन कूड़ा ढोया गया।
आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता माइकल सैनी ने गुरुग्राम नगर निगम के अफसरों और कूड़ा लिफ्टिंग करने वाली कंपनी के बीच साठगांठ के आरोप लगाए हैं।
मलबा-मिट्टी को कूड़े में दिखा बढ़ाया वजन
चूंकि एग्रीमेंट के मुताबिक कूड़ा लिफ्टिंग में लगी कंपनियों को पेमेंट वजन के हिसाब से मिलनी है इसलिए उन्होंने कचरे के साथ मिट्टी-मलबा भी गाड़ियों में लोड कर बंधवाड़ी पहुंचा दिया। इसी कारण धर्मकांटा पर गाड़ियों का वजन 18 की जगह 40 टन तक आया। इस पूरे खेल में निगम के कई अफसर भी शामिल रहे।
कंपनी ने बंधवाड़ी में रास्ता भी नहीं बनाया
आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता माइकल सैनी ने दावा किया कि कूड़ा उठाने वाली कंपनी को 390 रुपए प्रतिटन के हिसाब से पेमेंट के बदले कूड़ा लिफ्टिंग के साथ-साथ बंधवाड़ी कचरा निस्तारण सेंटर तक गाड़ियों की आवाजाही के लिए रास्ता भी बनाना था। इसके लिए कंपनी को डोजर, जेसीबी, पोकलेन और दूसरी मशीनें जुटानी थी लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।
सैनी ने आरोप लगाया कि कंपनी ने टेंडर की शर्तों का पालन नहीं किया। यह बात निगम अफसरों के संज्ञान में है लेकिन कंपनी परवाह नहीं कर रही।
बंधवाड़ी में बने सेंटर के रिकॉर्ड में कूड़ा ढोने वाली गाड़ियों में क्षमता से अधिक कूड़ा लाने की बात दर्ज है।
सैनी बोले- यह बड़ा खेल, विजिलेंस जांच हो
AAP नेता माइकल सैनी ने कहा कि यह बहुत बड़ा घपला है। अगर विजिलेंस के अधिकारी आरटीओ की मदद से कूड़ा लिफ्टिंग में लगी गाड़ियों की आरसी लेकर उनकी क्षमता चेक करें और उसका मिलान कंपनी की ओर से लगाए गए वाहनों के वजन से करें तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। कंपनी ने न मशीनें जुटाईं और न रास्ता बनाया। इसकी पेमेंट उसके बिल से काटनी चाहिए। कूड़े के साथ जो मलबा-मिट्टी बंधवाड़ी पहुंचाया गया, उसकी पेमेंट भी कटनी चाहिए। सही तरीके से जांच की जाए तो कंपनी और निगम के अफसरों की सारी साठगांठ सामने आ जाएगी।
काम सफाई विंग का, संभाल रहा इंजीनियरिंग विंग
शहर से कूड़ा लिफ्टिंग और सफाई का काम नगर निगम का सफाई विंग करता है जबकि कूड़ा लिफ्टिंग का काम इंजीनियरिंग विंग संभाल रहा है। इसमें गड़बड़ है। माइकल सैनी ने आरोप लगाया कि अब नगर निगम के की कुछ अफसर कंपनी और ठेकेदार का 9 करोड़ 80 लाख रुपए का बिल पास कराने के एवज में 15% कमीशन मांग रहे हैं।
कमिश्नर बोले- काम में पूरी ईमानदारी बरती
इस पूरे मामले पर दैनिक भास्कर ने गुरुग्राम नगर निगम के कमिश्नर डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि शहर को साफ-सुथरा बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। अगर किसी सार्वजनिक जगह पर मलबा-मिट्टी पड़ा है तो उसे भी साफ करना जरूरी है। निगम ने पहले के मुकाबले बेहतर काम किया है और पूरी ईमानदारी बरती जा रही है। इसके बावजूद कहीं कोई गड़बड़ी होगी तो उचित कदम उठाए जाएंगे।
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