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हरियाणा के हिसार के चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में सोमवार को दक्षिण अफ्रीका की कवाजुलू यूनिवर्सिटी का एक प्रतिनिधि मंडल दो दिवसीय दौरे पर पहुंचा। HAU कुलपति प्रो. बीआर काम्बोज ने बताया कि दोनों विश्वविद्यालय मोटे अनाज (मिलेटस) की खेती
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उन्होंने बताया कि मिलेटस के मूल्य संवर्धन से किसानों की आय में वृद्धि होगी और एचएयू में बाजरा उत्कृष्टता केंद्र यहां विकसित उत्पादों से किसानों, खासकर महिला किसानों को उद्यमी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि मक्का, गन्ना, आलू और बाजरा जैसी कई फसलें हैं जो भारत के साथ-साथ दक्षिण अफ्रीका में भी उगाई जाती हैं।
इन फसलों के उत्पादन में बढ़ोतरी करने के लिए दोनों विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिक आपसी तालमेल के साथ संयुक्त रूप से कार्य करेंगे। उन्होंने प्रतिनिधि मंडल के साथ अनुंसधान, ड्यूल डिग्री कार्यक्रम, छात्र व शिक्षक आदान प्रदान, प्रशिक्षण एवं शैक्षणिक गतिविधियों पर परस्पर सहयोग को लेकर चर्चा की।
दक्षिण अफ्रीका के कवाजुलू विश्वविद्यालय के मानविकी महाविद्यालय में अनुसंधान अधिष्ठाता प्रो. विवियन ओजोंग ने बताया कि जलवायु परिवर्तन, डिजिटाइजेशन, सामुदायिक विज्ञान, स्वदेशी ज्ञान प्रणालियां और उन्नत कृषि प्रौद्योगिकियों में एचएयू उच्च स्तरीय कार्य कर रहा है एवं इस आपसी सहयोग से दक्षिण अफ्रीका के लोगों को भी फायदा होगा। दक्षिण अफ्रीकी प्रतिनिधियों ने एचएयू के बाजरा उत्कृष्टता केंद्र और विश्वविद्यालय के ‘अर्निंग व्हाइल लर्निंग’ जैसे कार्यक्रमों की भी प्रशंसा की।
विभिन्न स्थलों का किया दौरा
दक्षिण अफ्रीका के प्रतिनिधि मंडल ने पोषक अनाज अनुसंधान केन्द्र, गोकलपुरा (भिवानी), सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय के बाजरा उत्कृष्ठता केन्द्र, दीन दयाल उपाध्याय जैविक खेती उत्कृष्ठता केन्द्र तथा डॉ. मंगलसेन कृषि संग्रहालय का दौरा कर संबंधित संस्थानों से महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त की।
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