[ad_1]
जिले के 13 बांधों में से एकमात्र बरधा डेम गुरुवार को छलक उठा और डेम के एनीकट से चादर चलने लगी।
बूंदी में पिछले चार दिन से हो रही बारिश से जिले के कई डेम और तालाबों में पानी की आवक हुई है। जिले के 13 बांधों में से एकमात्र बरधा डेम गुरुवार को छलक उठा और डेम के एनीकट से चादर चलने लगी। चादर चलने से सैलानी आनंद लेने के लिए डेम पर पहुंचने लगे। जिले
.
बूंदी में लंबे इंतजार के बाद सावन के पहले सोमवार से बारिश होने पर लोगों ने राहत की सांस ली। वहीं पानी के अभाव में मुरझाती फसल को जीवनदान मिल गया। चार दिन से लगातार हो रही बारिश से जिले में कई बस्तियों में पानी भर गया। कई जगहों पर खेत लबालब हो गए। जिले के जल संसाधन विभाग के अधीन आने वाले 13 में से एकमात्र बरधा डेम पूरी तरह से पानी से लबालब हो गया और चादर चलने लगी। अन्य डेम अभी भी पानी के लिए तरस रहे हैं।
बरधा डेम पर बढ़ी रौनक
बूंदी के तालेड़ा उपखंड में स्थित बरधा डेम इस बार बरसात में सबसे पहले छलका तो सैलानियों के चेहरे खिल उठे। मिनी गोवा के नाम से चर्चित इस डेम पर सैलानियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। यहां जिले सहित कोटा, बारां और झालावाड़ से सैलानी प्रकृति के नजारों का आनंद लेने पहुंचते हैं। गुरुवार को डेम से चादर चली तो सैलानियों की भीड़ बढ़ने लगी।
पानी के लिए तरस रहे बाकि डेम
बूंदी में जल संसाधन विभाग के अधीन 13 डेम में से फिलहाल बरधा डेम ही अपनी भराव क्षमता से लबालब हुआ है, जबकि अन्य 12 डेम पानी के लिए तरस रहे हैं। इन डेम में पानी की आवक तो हुई है, लेकिन भराव क्षमता से आधा ही पानी जमा हो पाया है। इनमें चाकण, गुढा, गरडदा, गोठडा, दुगारी, भीमलत, इंद्राणी, पाईबालापुरा, माछल और अभयपुरा डेम में पानी की आवक पर्याप्त नहीं हो पाई है।
[ad_2]
Source link