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राज्य सरकार ने आज हाउसिंग एंड अरबन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (हुडको) के साथ 1 लाख करोड़ का एमओयू किया। एमओयू के तहत अगले 5 सालों तक हुडको राज्य सरकार को पानी, सिंचाई और बिजली जैसी बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं के लिए प्रति वर्ष 20 हजार करोड़ रुपए का
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आज सीएम भजनलाल शर्मा की उपस्थिति में सीएमओ में यह एमओयू हुआ। इस मौके पर सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान को ऊर्जा के क्षेत्र में सिरमौर बनाने तथा पेयजल और सिंचाई के लिए बुनियादी ढांचे के सुदृढ़ीकरण के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्पित होकर काम कर रही है।
इस संकल्प को साकार करने की दिशा में राज्य सरकार सभी आवश्यक वित्तीय संसाधन सुनिश्चित करेगी। आज का यह एमओयू विकसित राजस्थान के लक्ष्य की प्राप्ति में मील का पत्थर साबित होगा।
सीएम ने जैसलमेर में 400 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयत्र का वर्चुअल उद्घाटन किया।
जैसलमेर में 400 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय से जैसलमेर में 400 मेगावट सौर ऊर्जा संयत्र का वर्चुअल उद्घाटन किया। सीएम ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में अग्रणी कंपनी रिन्यू द्वारा आज जैसलमेर में 400 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र से अक्षय ऊर्जा का उत्पादन प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
शेष 200 मेगावाट का उत्पादन अक्टूबर तक प्रारंभ हो जाएगा। उन्होने कहा कि इससे राज्य की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में वृद्धि होगी। नवीकरणीय क्षमता जुड़ने से बिजली की लागत कम हो जाएगी। जिसके परिणामस्वरूप उपभोक्ताओं के लिए टैरिफ कम होगा और सरकार को बचत भी होगी। इस संयंत्र द्वारा राजस्थान डिस्कॉम को बेहद सस्ती दरों पर विद्युत आपूर्ति हो सकेगी।
बुनियादी सुविधाओं के लिए प्रतिबद्ध राज्य सरकार
इस मौके पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान ने बिजली और पानी की निर्बाध आपूर्ति के क्रम में महत्वपूर्ण प्रगति अर्जित की है। प्रदेश में 28 हजार 500 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा एवं 3325 मेगावाट की थर्मल परियोजनाओं के लिए 1 लाख 50 हजार करोड़ रूपए के निवेश हेतु एमओयू हो चुके हैं।
साथ ही, प्रसारण तंत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए 10 हजार करोड़ रुपए के निवेश पर हस्ताक्षर भी हुए। राजस्थान ऊर्जा विकास निगम एवं एसजेवीएन के मध्य 600 मेगावाट सौर ऊर्जा परचेज एग्रीमेंट हस्ताक्षरित हो चुका है। उन्होंने बताया कि 8 हजार मेगावाट सौर एवं 3 हजार 200 मेगावाट कोल आधारित परियोजनाओं के लिए टैरिफ आधारित निविदा प्रक्रिया प्रारम्भ की जा चुकी है। इन परियोजनाओं की स्थापना से 64 हजार करोड़ रूपये का निवेश होगा।
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