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30 फीसदी बढ़ेगा सहायक पुलिस का मानदेय, सहमति बनी
राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में बीते 20 दिनों से आंदोलन कर रहे 22 सौ सहायक पुलिस कर्मियों की मांग पर रास्ता साफ हो गया है। पुलिस प्रतिनिधियों और छह विधायकों के प्रतिनिधिमंडल के साथ सहायक पुलिस संघ के अधिकारियों की बैठक हुई।
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बैठक में सरकार ओर से विधायक मथुरा प्रसाद महतो, नमन विक्सल कोंगाड़ी, राजेश कश्यप, सुदिव्य कुमार सोनू, विनोद सिंह और सुखराम उरांव ने पुलिस प्रतिनिधियों के साथ मिल कर बात की।
चार बिन्दुओं पर बनी है सहमति
आज हुई बैठक के बाद इस बात पर सहमति बनी है कि सहायक पुलिस कर्मियों के मानदेय में 30 फीसदी की बढ़ोत्तरी की जाएगी। इसके अतिरिक्त होमगार्ड की होने वाली बहाली में उन्हें आरक्षण का लाभ भी दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त उनके सेवाकाल को एक साल का अवधि विस्तार भी दिया गया है। सरकार के साथ हुई बातचीत के दौरान सहायक पुलिस कर्मियों को लिखित में आश्वास दिया गया है। सरकार की ओर से बताया गया है कि उनके इस प्रस्ताव को 24 जुलाई को होने वाली कैबिनेट की मीटिंग में रखा जाएगा।
सरकार के साथ हुई बातचीत पर बनी सहमति
12 नक्सल प्रभावित जिलों में हुई है नियुक्ति
झारखंड में 12 नक्सल प्रभावित जिलों के युवा नक्सली बनकर सत्ता से संघर्ष ना करें इसके लिए उन्हें सहायक पुलिस की नौकरी दी गई। इन 12 जिलों से 2500 सहायक पुलिस बनाए गए। नक्सल प्रभावित जिलों के 2500 में से 2200 युवा अब भी संघर्ष कर रहे हैं। इन सभी की नौकरी पर अब संकट है। इसी को लेकर वे तीसरी बार आंदोलन कर रहे थे। बीते 19 जुलाई को सभी सहायक पुलिस अधिकारियों ने सीएम हाउस घेराव किया था। तब लाठी चार्ज किया गया था।
रघुवर दास सरकार में बनी थी नियमावली
साल 2016 रघुवर दास की सरकार ने नक्सलवाद से निपटने के लिए स्थानीय लोगों को हथियार की तरह इस्तेमाल करने की रणनीति बनाई। साथ ही यह भी कोशिश थी कि ग्रामीण परिवेश के ज्यादातर युवा नक्सलवाद की तरफ ना चले जाएं, इसलिए 2500 सीटों पर सहायक पुलिस के पद पर वैकेंसी निकाली। नक्सल प्रभावित 12 जिलों की पहचान की गई। इन इलाकों से स्थानीय युवाओं को इसमें भर्ती कराया गया।
साल 2016 में 2500 सहायक पुलिसकर्मियों की हुई थी नियुक्ति
सहायक पुलिस का कितना मिला लाभ
केंद्रीय गृह मंत्रालय की समीक्षा के बाद आयी रिपोर्ट बताती है कि 9 राज्यों के 38 जिलों में अब माओवादी सक्रिय हैं। झारखंड के पांच जिले इसमें शामिल है। नक्सल प्रभावित 12 जिलों की संख्या घटकर पांच हो गई है। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम, गिरिडीह, गुमला, लातेहार, लोहरदगा का इलाका शामिल है। पश्चिमी सिंहभूम को अति माओवाद प्रभावित जिले की सूची में रखा गया है।
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