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अपने समुदाय के प्रति सहानुभूति और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना विकसित करना ,एक बच्चे के समग्र विकास के प्रमुख लक्ष्यों में से एक है। इस संदर्भ में क्लास 11, आर्ट्स के स्टूडेंट्स ने थीम ‘उबंटू’ पर रंगा -रंग प्रस्तुति दी । ‘उबंटू एक अफ्रीकी शब्द है जिसक
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स्टूडेंट्स के लिए उबंटू सामाजिक व्यवहार गहरी प्रासंगिकता रखता है क्योंकि यह सहयोग, साझा शिक्षा और पारस्परिक समर्थन की संस्कृति का पोषण करता है। यह टीम वर्क, चुनौतियों का सामना करने में लचीलापन और सामूहिक उपलब्धि की शक्ति जैसे आवश्यक गुणों को विकसित करता है। अंततः, यह उन्हें न केवल शैक्षणिक उपलब्धि के लिए बल्कि बड़े पैमाने पर समाज में सहयोगात्मक और दयालु भूमिका के लिए भी तैयार करता है।
स्टूडेंट्स ने एएमयूएल सहकारी समिति मेघालय के मूल पुलों, राजस्थान के प्रकृति प्रेमी बिश्नोई और जेपीएचएस की निदेशक डॉ. जयश्री पेड़ीवाल की यात्रा की कहानियां सुनाई, क्योंकि ये सभी उबंटू दर्शन के आदर्श उदाहरण हैं। स्टूडेंट्स ने संगीत, नृत्य, नाटक, कविता और भाषण जैसे कला रूप के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया ।
बुजुर्गों के रूप में भी हमें उबंटू के महत्व को समझने की आवश्यकता है, क्योंकि जब लोग खुद को एक बड़े हिस्से के रूप में देखते हैं, तो उनके सहयोग करने, संसाधनों को साझा करने और एक-दूसरे का समर्थन करने की अधिक संभावना होती है, जिससे मजबूत, अधिक लचीले समाज का निर्माण होता है।
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