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वेयरहाउस पर धीमी गति से तुलाई होने से ट्रेक्टर-ट्रॉली की लंबी कतार लग रही। कुछ किसान ट्रॉली खड़ी कर भी चले गए।
नर्मदापुरम में जिले में समर्थन मूल्य पर मूंग बेचना किसानों के लिए चुनौती से कम नहीं है। किसानों को मूंग बेचने के लिए स्लॉट बुकिंग कराने से लेकर भुगतान कराने तक जटिल समस्याओं से होकर गुजरना पड़ रहा है। केंद्रों पर लंबी-लंबी लाइनें लग रही। जिसमें उसका म
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उपार्जन केंद्रों पर समिति कर्मचारी, वेयरहाउस के द्वारा कुछ किसानों को भ्रमित, अधुरी देकर निर्धारित मात्रा से ज्यादा माल खरीद रहे। अतिरिक्त माल खरीदने के बदले किसानाें को कच्ची, साधा बिल दे रहे। जिसे लेकर किसान बिल बनवाने भटक रहे है। गुरुवार को ऐसे दर्जनों किसान कृषि उपसंचालक के दफ्तर पहुंचे।
कृषि उपसंचालक दफ्तर रोजाना पहुंच रहे किसान।
जिनसे केंद्रों पर माल तो पूरा ले लिया गया। लेकिन उन्हें बिल 70 फीसदी फसल का ही दिया है। 30 फीसदी फसल के बदले उन्हें साधा व कच्ची रशीद दी गई। आमुपरा के किसान प्रशांत यादव ने बताया मैंने शुरुआत में 3 क्विंटल के हिसाब से मूंग बेच चुका। लेकिन जो एक क्विंटल 80 किलो फिर से बढ़ा है। उसका बिल नहीं बन पा रहा।
आमुपुरा के किसान प्रशांत यादव को सेमरी खुर्द सेवासहकारी समिति ने कच्ची रशीद दी।
केंद्र प्रभारी बोले रहे कि लिखवाकर लाओ। बुधवाड़ा के किसान पवन मीना ने बताया मैंने राजपूत वेयरहाउस पर अलग-अलग खातों से 181 मूंग बेची। जो केंद्र पर रखी हुई है, लेकिन बिल 50 क्विंटल का ही दिया है। बाकी मूंग के बिल के लिए कहा जा रहा कि सर्वर डाउन रहा, बाद में बोला कि बिल की तारीख निकल गई।
एक्सपायर होने से दोबारा स्लॉट बुक कराने आना पड़ रहा जिला मुख्यालय
किसानों का एक बार स्लॉट एक्सपायर हो गया है तो उसे दोबारा तारीख बढ़वाने की व्यवस्था कृषि उपसंचालक दफ्तर में ही की है। उपसंचालक की लॉगिन आईडी से ही दोबारा स्लॉट बुक व तारीख बढ़ रही। ऐसे में बनखेड़ी, पिपरिया, सिवनी मालवा, केसला, सोहागपुर, माखननगर तक किसानों को जिला मुख्यालय पर आना पड़ रहा।
8क्विंटल की जगह 12 क्विंटल की उम्मीद में बेच रहे मूंग, नहीं बनेगा बिल
इस बार सरकार ने शुरुआत में 8 क्विटल प्रति हेक्टेयर की नीति बनाकर मूंग खरीदी शुरू की। किसानों की मांग व धरना, हड़ताल के बाद 11 जुलाई को मुख्यमंत्री ने 12 क्विंटल मूंग खरीदने की घोषणा की। ऐसे में जिन किसानों ने पहले 8 क्विंटल के हिसाब से मूंग बेचा था। वो इस उम्मीद में मूंग बेचने दोबारा केंद्र पहुंच रहे कि 4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर बढ़ी मूंग खरीदकर सरकार पैसा देंगी। लेकिन शासन के आदेश में उल्लेख किया कि जिस तारीख 12क्विंटल का आदेश निकला। वो उस दिन या बाद में मूंग बेचने वाले किसानों पर लागू होगा। कृषि उपसंचालक जेआर हेडाऊ का कहना है कि आदेश के बढ़ी मात्रा अनुसार मूंग खरीद रहे है। जिन किसानों ने पहले 8 क्विंटल के हिसाब से मूंग बेच चुके। वे अतिरिक्त 4 क्विंटल ओर बेच सकेंगे या नहीं। इस संबंध में जिला उपार्जन समिति अध्यक्ष कलेक्टर से हमने मार्गदर्शन चाहा है। फिलहाल तो पुराने किसानों के बढ़ी मूंग के बिल नहीं बन रहे।
उपसंचालक बोले, साधे कागज, रशीद नहीं होगी मान्य, संबंधितों पर होगी कार्रवाई
किसानों को कच्ची रशीद दी जा रही।
कृषि उपसंचालक जेआर हेडाऊ बोले उपार्जन केंद्रों पर साधे कागज या कच्ची रशीद मान्य नहीं होगी। जो भी किसान भाई भ्रमित होकर ज्यादा माल तुलवाकर रखवा रहे। वे ऐसा न करें। पक्का बिल होने पर ही भुगतान होगा। अगर कोई समिति कच्ची रशीद व साधे कागज पर लिखकर दे रही तो गलत है। उनके विरूद्ध कार्रवाई होगी।
साधे कागज पर कच्ची रशीद दी जा रही।
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