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राजस्थान हाउसिंग बोर्ड नीलामी के जरिए जमीन और मकान खरीदकर समय पर पैसा नहीं चुकाने वालों पर कड़े एक्शन की तैयारी कर रहा है। बोर्ड प्रशासन ने ऐसे बकायादारों की लिस्ट मुख्यालय भिजवाने के आदेश दिए हैं।
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इतना ही नहीं, बकायादारों की बढ़ती लिस्ट को देखते हुए वर्तमान के सभी मामलों में बकाया राशि जमा करने पर भी रोक लगा दी गई है। माना जा रहा है कि हाउसिंग बोर्ड सरकार को प्रस्ताव भेज बकायादारों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेगा।
इसके लिए जल्द ही नई गाइडलाइन भी जारी की जाएगी। हाउसिंग बोर्ड ऐसे केस मे आवंटन रद्द करने और पेनल्टी की राशि में संशोधन जैसे नियमों में बदलाव कर सकता है।
हाउसिंग बोर्ड अपने कई प्रोजेक्ट में जहां फ्लैट या मकान खाली रह जाते हैं, उनकी नीलामी करता है।
25 शहरों में नीलाम की 5 हजार प्रॉपर्टी, 30 फीसदी ने पैसा नहीं करवाया जमा
सूत्रों के मुताबिक दिसंबर 2019 से अब तक (17 जुलाई) नीलामी और सामान्य नीलामी के जरिए कई हजारों मकान व जमीनों का आवंटन बोर्ड प्रशासन ने किया। इस नीलामी के जरिए जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा, भरतपुर, नागौर समेत 25 से ज्यादा शहरों में 5 हजार से अधिक संपत्तियों की नीलामी की थी। ये नीलामी 50 फीसदी तक की छूट पर की गई। सूत्रों का कहना है कि इन नीलामी में मकान खरीदने के बाद 30 फीसदी लोगों ने अब तक पैसा जमा नहीं करवाया है, जबकि इनमें पैसा जमा करवाने के लिए 60 दिन का समय निर्धारित था।
कई प्रकरणों में आवंटी ने कोर्ट से स्टे लेकर रकम जमा करवाने से खुद को रोक रखा है, जबकि कई प्रकरणों में आवंटियों ने बोर्ड में एप्लिकेशन लगाकर राशि किस्तों में जमा करवाने की मांग की है। इसे देखते हुए बोर्ड प्रशासन ने अब इन प्रकरणों में एक्शन लेने का निर्णय किया है।
अभी 15 से 18 प्रतिशत लगती है पेनल्टी
साल 2020, 2021 और 2022 में जयपुर, कोटा, जोधपुर, अलवर, भिवाड़ी, उदयपुर और अजमेर में कई कॉमर्शियल व प्रीमियम प्रॉपर्टी (आवासीय जमीन) की भी नीलामी की थी। ऐसी 500 से ज्यादा संपत्तियां थीं। इनमें भी कई प्रकरण ऐसे हैं, जिनमें अब तक पैसा जमा नहीं हुआ है।
आवंटन राशि जमा नहीं करवाने पर हाउसिंग बोर्ड की ओर से 15 से 18 प्रतिशत ब्याज की दर से पेनल्टी लगाई जाती थी। इसके साथ 120 दिन का समय दिया जाता था। लेकिन, 2019 के बाद के केस में देखने को मिला कि अधिकांश ने प्रॉपर्टी को होल्ड भी कर दिया है और पैसा भी जमा नहीं करवाया है।
फोटो जोधपुर के हाउसिंग बोर्ड प्रोजेक्ट का है। बोर्ड की ओर से जोधपुर कमिश्नर से भी इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है।
बोर्ड प्रशासन ने अब नीलामी के ऐसे प्रकरणों में राशि को जमा करने पर रोक लगा दी है। इसके लिए सभी उप आवासन आयुक्तों को पत्र लिखा है। इसमें नीलामी के प्रकरणों में अब किसी भी तरह की राशि जमा नहीं करने के लिए कहा है। इसके साथ ही जिन प्रकरणों में आवंटन पत्र या मांग पत्र जारी किया गया है और उसमें राशि जमा करवाने के लिए समय शेष है, उन प्रकरणों में भी राशि जमा करवाने पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी है।
एसओपी बनाकर सरकार को भेजेंगे प्रकरण
हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर इंद्रजीत सिंह ने बताया- इन प्रकरणों को मंगवाया है। सभी अलग-अलग केस के आधार पर एक एसओपी तैयार करेंगे और इन प्रकरणों के मामले को राज्य सरकार के पास भिजवाएंगे।
जिन प्रकरणों में पुरानी दरों पर मांग पत्र जारी हुए हैं और उनमें अब तक पैसा नहीं जमा करवाया है, तो उनका भी अध्ययन किया जाएगा। क्योंकि, बोर्ड प्रशासन ने इस साल दो बार अपनी दरों को रिवाइज किया है। कहीं ऐसा न हो कि बोर्ड प्रशासन को इस मामले में राजस्व का नुकसान हो।
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