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महाकालेश्वर की श्रावण, भादौ माह में निकाली जानी वाली सवारी में इस बार पांच प्रयोग किए जा रहे हैं। पहली सवारी 22 जुलाई को निकाली जाएगी, जबकि शाही सवारी 2 सितंबर को। इसके लिए श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के साथ प्रशासन ने अपने स्तर पर तैयारियां
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श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक मृणाल मीना के अनुसार भीड़ प्रबंध के साथ ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन हो सकें इसके लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। हर सवारी में करीब दो लाख श्रद्धालु के शहर आने की संभावना है।
प्रत्येक सोमवार सुबह 2.30 बजे से भस्म आरती
22 जुलाई से 2 सितंबर तक पट खुलने का समय सुबह 3 बजे होगा। प्रत्येक सोमवार को भस्म आरती का समय सुबह 2.30 बजे होगा। भस्म आरती प्रतिदिन सुबह 3 से 5 बजे तक और प्रत्येक सोमवार को 2.30 से 4.30 बजे तक होगी। 3 सितंबर से पट खुलने का समय पूर्ववत कर दिया जाएगा।
श्रावण-भादौ मास में भस्म आरती में बिना अनुमति भस्म आरती का लाभ लेने के लिए कार्तिकेय मंडपम की आखिरी तीन पंक्तियों से चलित भस्म आरती दर्शन की व्यवस्था की जाएगी। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक मृणाल मीना के अनुसार श्रावण, भादौ माह के लिए दर्शन व्यवस्था बनाई है। प्रयास है कि सभी को सुलभ दर्शन हो सके।”
यह प्रयोग पहली बार किए जाएंगे
सवारी के आगे और पीछे दो रथों में एलईडी लगाई जाएगी। इसमें जनसंपर्क कार्यालय से सवारी का सीधा प्रसारण किया जाएगा। इससे सबसे आगे और सबसे आखिरी के श्रद्धालुओं को समान रूप से दर्शन हो सकेंगे।
भजन मंडली की तरह जनजातीय दल पूरे मार्ग में शिव स्तुति करेगा। पालकी की व्यवस्था संभालने वाले कहारों को मंदिर प्रबंध समिति की ओर विशेष प्रकार के रिस्ट बैंड दिए जाएंगे, जिन्हें एक बार निकालने के बाद दोबारा नहीं पहना जा सकेगा।
इससे पालकी में अनावश्यक लोगों की पहचान की जा सकेगी। इसके साथ ही महाकाल घाटी से लेकर शिप्रा नदी और रामघाट से लेकर वापसी के मार्ग में दिशा सूचक लगाए गए हैं। भजन मंडलियों को लाल, पीले, नीले रंग के पास जारी किए जाएंगे।
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