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जिला मुख्यालय बैतूल में संचालित सरकारी छात्रावासों में कार्यरत 80 से ज्यादा कर्मचारियों को एक साल से मानदेय नहीं मिल सका है। इससे नाराज कर्मचारियों ने आज (गुरुवार) कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। उन्होंने समय पर वेतन और कलेक्टर दर पर भुगतान की मांग की
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जिला मुख्यालय बैतूल में उत्कृष्ट छात्रावास से लेकर गर्ल्स और बॉयज के 8 से ज्यादा होस्टल हैं। इन छात्रावासों में 80 से ज्यादा पुरुष और महिलाएं अंशकालीन कर्मचारियों के रूप में काम करते हैं। इन्हें हॉस्टल्स में सफाई, खाना बनाने से लेकर सभी बाहरी काम निपटाने होते हैं। इन कर्मचारियों 5 हजार रुपए मासिक मानदेय मिलता है। जबकि सफाई करने वाले कर्मियों को महज 2500 रु मानदेय दिया जाता है। यह मानदेय भी उन्हें दस महीने से नहीं मिला है।
आज किया प्रदर्शन
इन कर्मचारियों ने आज जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। कर्मचारी भवन से रैली की शक्ल में कलेक्ट्रेट पहुंचे कर्मचारियों ने उन्हें मानदेय दिलाने की मांग कर साथ ही इसे कलेक्टर दर पर निर्धारित करने की मांग की। कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी यहां मौजूद डिप्टी कलेक्टर को सौंपा। अटल सेना के नेतृत्व में इकट्ठा हुए कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि उनका भुगतान जल्द नहीं किया गया तो वे काम बंद कर देंगे।
यह हैं कर्मचारियों की समस्या
- एससी व एसटी छात्रावास में कार्यरत अंशकालीन कर्मचारियों को लगभग एक वर्ष से वेतन नहीं मिला है।
- समय पर वेतन पर वेतन नहीं मिलने से उनको अपनी घर गृहस्थी चलाने में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बच्चों की पढ़ाई पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
- परिवार में कोई बीमार हो जाए तो उसका इलाज भी नहीं हो पाता है। ऐसा एक परिवार में हुआ भी है कि पैसों के अभाव में एक कर्मचारी के पिता का निधन हो गया।
- अंशकालीन के नाम पर इनसे पूरे समय याने 8 घंटे काम किया जाता है
- बहुत से कर्मचारी पूर्णतः इसी पर निर्भर हैं उनके पास अन्य दूसरा कार्य नहीं है। किसी कर्मचारी के घर में दूसरा कमाने वाला नहीं है। कोई विधवा है कोई परित्यक्ता है।
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