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–यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट एसोसिएशन ने स्वास्थ्य मंत्री को भेजा पत्र
नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। दिल्ली के राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में डॉक्टरों की नियुक्ति प्रक्रिया और प्रबंधन की व्यवस्थाओं पर यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट एसोसिएशन ने सवाल उठाए हैं। संगठन की ओर से दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री को पत्र भेजकर इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप किए जाने की मांग की गई है। ऐसा न किए जाने पर संस्थान की कार्यकुशलता और छवि पर खतरे की संभावना जाहिर की गई है।
संगठन के राष्ट्रीय महासचिव डॉक्टर अरुण कुमार की ओर से स्वास्थ्य मंत्री को भेजे गए पत्र में कई बिंदुओं पर सवाल उठाए गए हैं। उन्होंने लिखा है कि अस्पताल प्रबंधन में मास्टर्स की डिग्री न होने के आधार पर चिकित्साधिकारी पदों के लिए एमबीबीएस, एमडी, एमएस, डीएम, एमसीएच स्नातकों को अयोग्य घोषित करने का निर्णय अतार्किक है। यह नीति न केवल इन उम्मीदवारों की चिकित्सा विशेषज्ञता की उपेक्षा है, बल्कि योग्य पेशेवरों को सिस्टम से बाहर कर मरीजों की सुरक्षा को भी खतरे में डालने वाली है। इसके साथ ही चिकित्सा अधिकारी पद के लिए एमएचए (गैर-चिकित्सा) डिग्री की आवश्यकता के नियमों का भी उल्लंघन करती है। डिग्री की आवश्यकता में परिवर्तन के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय से अनुमोदन नहीं लिया गया था। उन्होंने लिखा है कि उप निदेशक के पद पर की गई महिला डॉक्टर की नियुक्ति में साक्षात्कार की अनिवार्यता को पूरा नहीं किया गया, जबकि दो अन्य डॉक्टरों की नियुक्ति गलत बताते हुए उसे रद्द किए जाने की मांग की है।
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