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China Military Base: पूर्वी लद्दाख में कामयाबी नहीं मिलने के बाद चीन अब पीओके पर नजर गड़ा रहा है. सैटेलाइट तस्वीर में इस बात का खुलासा हुआ है कि चीन 13 हजार फीट की ऊंचाई पर कजाकिस्तान में सैन्य अड्डा बना रहा है. यह स्थान पीओके के करीब ही है. चीन इस इलाके में गुप्त सैन्य अड्डा बनाने के साथ वहां ऑर्टिलरी जमा करना चाहता है. फिलहाल, मीडिया में आई इस तरह की खबरों को चीन ने सिरे से खारिज कर दिया है और निराधार बताया है.
चीन हमेशा से विस्तारवादी मानसिकता का रहा है. चीन हमेशा से अपने पड़ोसी देशों की जमीन पर कब्जा जमाने के फिराक में रहता है. इस बार दावा किया जा रहा है कि चीन पीओके से सटे कजाकिस्तान में सैन्य अड्डा बना रहा है और यह काम दशकों से चल रहा है. द टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है, जिसमें उपग्रह तस्वीरों के हवाले से बताया गया है कि चीन करीब एक दशक से कजाकिस्तान में सैन्य अड्डा बना रहा है. यह 13 हजार फीट की ऊंचाई पर है. कजाकिस्तान सोवियत संघ रूस से अलग होकर स्वतंत्र देश बना है.
चीन ने मीडिया खबरों को बताया गलत
इस तरह की खबरें मीडिया में आते ही चीन ने जवाब दिया है. चीनी दूतावास ने कहा, कजाकिस्तान में चीनी सैन्य अड्डे को लेकर जो खबरें मीडिया में चल रही हैं, वह पूरी तरह से गलत और निराधार हैं. यह मुद्दा चीन-कजाकिस्तान एजेंडे में भी नहीं शामिल है. दरअसल, मैक्सार टेक्नोलॉजीज ने उपग्रह से ली गई कुछ तस्वीरें साझा की हैं, इसको लेकर दावा किया गया है कि चीन गुप्त सैन्य अड्डा बना रहा है. तस्वीरों में सैन्य बेस की दीवारें और आने-जाने वाले रास्ते नजर आ रहे हैं.
काउंटर टेरर बेस रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा यह भी किया गया है कि इस सैन्य अड्डे पर दोनों देशों ने निगरानी टॉवर लगा रखे हैं. जिस जगह पर सैन्य अड्डा बनाया गया है, रणनीतिक तौर पर यह काफी महत्वपूर्ण है और अफगान सीमा पर है. पहाड़ पर करीब 4 हजार मीटर की ऊंचाई पर इसे बनाया गया है. इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों देशों ने इसे साल 2021 में बनाया है और इसे काउंटर टेरर बेस नाम दिया गया है. चीन इस सैन्य अड्डे के जरिए मध्य एशिया में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है.
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