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आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल पर हमले के आरोपी सीएम के पूर्व निजी सचिव विभव कुमार के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया। इसमें विभव पर साक्ष्यों से छेड़छाड़ और वीडियो लीक करने का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने इस कथित हमले के मामले में पांच सौ पन्नों में आरोपपत्र दाखिल किया है। इस आरोपपत्र पर संज्ञान के लिए अदालत ने अगली तारीख 30 जुलाई तय की है। वहीं, आरोपी विभव कुमार को न्यायिक हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश किया गया। अदालत ने कुमार की न्यायिक हिरासत 30 जुलाई तक बढ़ा दी है।
50 गवाहों के बयान की प्रति लगाई
तीस हजारी स्थित मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गौरव गोयल की अदालत में दायर आरोपपत्र में 50 लोगों को गवाह बनाया है। मुख्य गवाहों में स्वाति मालीवाल और मुख्यमंत्री आवास पर सुरक्षा में लगी दिल्ली पुलिस की टीम और कुछ अन्य लोग शामिल हैं। सीआरपीसी की धारा 161 के तहत दर्ज इन गवाहों के बयानों में स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट व बदसुलूकी की बात कही गई है।
आरोपपत्र में विशेषतौर पर कहा गया है कि जांच में स्वाति मालीवाल की गवाही की काफी हद तक पुष्टि हुई है, जिसमें कहा गया था कि विभव ने इस घटना की रिकॉर्डिंग की थी। फिर इसके कुछ चुनिंदा हिस्सों को लीक कर दिया, ताकि इससे स्वाति मालीवाल की छवि खराब हो सके। इसके अलावा कुमार ने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज जैसे पुख्ता साक्ष्यों को भी नष्ट कर दिया है।
क्लोन कॉपी या डाटा रखने की संभावना
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस ने आरोपपत्र में विभव कुमार पर अपने आईफोन 15 को फार्मेट करने का अरोप लगाया है। पुलिस ने कहा है कि यह फोन पासवर्ड से सुरक्षित है। आरोपी द्वारा किसी अन्य सिस्टम में क्लोन कॉपी या डेटा रखने की संभावना है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि फोन और उसके डेटा तक पहुंचने के लिए आरोपी या किसी विशेषज्ञ की मौजदूगी और सहायता की आवश्यकता होती है, ताकि डेटा को पुन प्राप्त किया जा सके। ये अभी भी प्रक्रियाधीन है।
मुख्यमंत्री आवास पर मारपीट का मामला
विभव कुमार पर 13 मई को मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल पर हमला करने का आरोप है। 16 मई को सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद 18 मई को कुमार को गिरफ्तार किया गया था। उसी दिन तीस हजारी स्थित मजिस्ट्रेट की अदालत ने उन्हें पांच दिनों की पुलिस रिमांड में भेज दिया था। इस मामले में महिला अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम मामले की जांच की है।
ये धाराएं शामिल
● 201 (अपराध के सुबूत मिटाना)
● 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास)
● 341 (गलत तरीके से रोकना)
● 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग)
● 354बी (महिला के कपड़े उतारने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग)
● 506 (आपराधिक धमकी)
● 509 (किसी भी शब्द, हावभाव या वस्तु का इस्तेमाल कर महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना)
सजा का प्रावधान
विभव कुमार पर अगर आरोप साबित होते हैं तो उन्हें अधिकतम सजा सात साल की हो सकती है। इसके अलावा अदालत आरोपी पर अपने विवेक से जुर्माना लगाने का भी अधिकार रखती है।
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