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राजस्थान की संस्कृति अपने आप में इतनी अनूठी है कि लोग सात समंदर पार से भी इसे समझने और ग्रहण करने के लिए समय-समय पर राजस्थान की धरा पर आते रहते है। ऐसे में इन दिनों श्रीदेवी जगन्नाथ के साथ 35 स्टूडेंट्स का दल राजस्थान की संस्कृति, सभ्यता सहित संगीत औ
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अथक चेष्टा ट्रस्ट यूनिवर्सल के वार्षिक आयोजन में 6 दिवसीय लोक कला शिविर में यह ग्रुप अमेरिका से यहां जयपुर राजस्थान की संस्कृति, कठपुतली बनाने, घूमर और कालबेलिया डांस सहित राजस्थान की विरासत को समझने सिखने का प्रयास कर रहा है।।
अमेरिका से जयपुर आई श्रीदेवी जगन्नाथ ने बताया कि उनके साथ 35 छात्र स्टूडेंट के साथ जयपुर पहुंचे हैं जो अमेरिका में भरतनाट्यम डांस सीख रहे हैं। ऐसे में 6 दिवसीय इस भ्रमण में तीन दिन तक वह कालबेलिया नृत्य और घूमर सीखने के लिए तमाम बारिकियां यहां जयपुर में समझ रहे है। इसी के साथ जयपुर भ्रमण पर वह राजस्थान की संस्कृति को समझने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने जयपुर भ्रमण के दौरान कठपुतली बनाने से लेकर कालबेलिया और घूमर डांस सिख रहे है।
उन्होंने बताया कि जिस तरीके से नाट्य शास्त्र में हम ठोड़ी हिलाना सीखते हैं उसी तरीके से राजस्थान का कालबेलिया और घूमर अपने ही तरीके में अनूठा डांस है जिससे फोक डांस को भी उतना ही महत्व मिलता है जितना की क्लासिकल डांस को मिलता है। इससे पहले हमने कालबेलिया सिर्फ सुना था और टीवी पर देखा था लेकिन आज हमें मौका मिला है एक कालबेलिया और घूमर पर डांस करने का और इसकी बाराकियों को सीखने का जो कि हमारे लाइफ लोंग सीखने के लिए काम आएगा। हम अपने साथ इन बातों को जरूर साथ लेकर जाएंगे और उस में बताएंगे कि किस तरीके से कालबेलिया और घूमर को सीख जा सकता है और उसके बाद इनको किया जा सकता है।
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