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जस्टिस पंकज भंडारी ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 39ए सभी को न्याय के समान अवसर देता हैं।
प्रदेश में आज राष्ट्रीय लोक अदालत का आय़ोजन किया गया। लोक अदालत के माध्यम से आज करीब 5लाख 43 हज़ार 283 लंबित प्रकरणों का निस्तारण किया गया। लोक अदालत को लेकर हाई कोर्ट से लेकर अधीनस्थ अदालतों में कुल 512 बैंचों का गठन किया गया था।
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इन बैचों में आपसी समझाइश से इन मामलों का निस्तारण किया गया। लोक अदालत में करीब 30 लाख से ज्यादा मामलें सूचीबद्ध किए गए थे। जिसमें लंबित और प्री लिटिगेशन से जुड़े मामले शामिल थे।
आज की लोक अदालत में लंबित प्रकरणों के अलावा प्री लिटिगेशन के 22 लाख 15हज़ार 289 मामलों को भी निस्तारित किया गया। प्री लिटिगेशन में वो मामले आते है। जो अभी तक अदालत में नहीं पहुंचे होते है। लेकिन पक्षकारों के बीच लंबित होते है। ऐसे मामले रेवेन्यू, बैंक, चैक बाउंस से जुड़े होते हैं। प्रदेश में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से लोक अदालत का आय़ोजन करवाया गया।
राष्ट्रीय लोक अदालत के उद्घाटन सत्र में मौजूद जस्टिस पंकज भंडारी व अन्य न्यायाधीश।
हाई कोर्ट बार ने किया था उद्घाटन सत्र का बहिष्कार
आज राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन हाई कोर्ट जयपुर बैंच में जस्टिस पंकज भंडारी ने किया। लेकिन हाई कोर्ट बार ने इस उद्घाटन सत्र का बहिष्कार किया। बार के अध्यक्ष प्रह्लाद शर्मा ने कहा कि पिछले कुछ समय से हाई कोर्ट बार अधिवक्ताओं की समस्याओं को लेकर हाई कोर्ट प्रशासन को लिखित प्रतिवेदन दे रही हैं। लेकिन हाई कोर्ट प्रशासन ने अधिवक्ताओ की मांग पर कोई गौर नहीं किया।
इसके अलावा हाई कोर्ट के कई न्यायाधीश अधिवक्ताओं को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से अपमानित भी कर चुके हैं। इससे अधिवक्ता समुदाय व्यथित हैं। इसलिए हमने आज राष्ट्रीय लोक अदालत के उद्घाटन सत्र का बहिष्कार किया। उद्घाटन सत्र में बार का कोई भी पदाधिकारी व कार्यकारिणी सदस्य शामिल नहीं हुआ।
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