[ad_1]
बीआरटीएस कॉरिडोर का हलालपुर बस स्टेंड से सीहोर नाके तक का हिस्सा दो महीने पहले हटाया जा चुका है। ऐस में यहां सड़क को दो हिस्सों में बांट कर बीचोंबीच लोहे की रेलिंग लगा दी है। लेकिन, कॉरिडोर में लगे ट्रैफिक सिग्नल के खंभे अब तक नहीं हटाए गए हैं। जो अब
.
हादसों की आशंका इसलिए भी ज्यादा
सीहोर नाका शहर का एंट्री पॉइंट है। इंदौर रोड से आने वाले वाले शहर में यहीं से प्रवेश करते हैं। रात के वक्त चूंकि सड़क ट्रैफिक कम होता है तो यहां वाहनों की रफ्तार भी अधिक होती है। ऐसे में अचानक बीच सड़क पर ट्रैफिक सिग्नल का खंभा आने से हादसे की आशंका बनी रहती है।
गनीमत रही-किसी की जान नहीं गई:
जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते यहां हादसों की आशंका बनी हुई है। रात के वक्त कई बार दोपहिया और चार पहिया वाहन इनसे टकरा चुके हैं। गनीमत यही है कि अब तक किसी की जान नहीं गई हैं। लेकिन, स्मार्ट सिटी की लापरवाही देखते हुए जान पड़ता है कि वे किसी बड़े हादसे के इंतजार में हैं।
^कॉरिडोर से ट्रेफिक सिग्नल के खंभे हटाए जा रहे हैं। होशंगाबाद रोड से खंभे हटाए जा चुके हैं। बैरागढ़ वाले हिस्से से भी अधिकांश खंभे हटा दिए गए हैं। जो बचे हैं, उन्हें भी जल्द हटा दिया जाएगा।
आशीष श्रीवास्तव, इंजीनियर, स्मार्ट सिटी
^लालघाटी से सीहोर नाके तक हटाए गए बीआरटीएस कॉरिडोर में अभी तक ट्रेफिक सिग्नल के खंभे खड़े हुए हैं। इनसे हादसों की आशंका है। इस संबंध में स्मार्ट सिटी और पीडब्ल्यूडी को पत्र लिखा गया है।
विजय दुबे, एसीपी, ट्रेफिक पुलिस
[ad_2]
Source link