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– जयराम रमेश बोले, मोदी मुक्ति दिवस के रूप में दर्ज होगा चार जून
– राजद के मनोज झा ने कहा, आपातकाल में माफी मांगने वालों के नाम भी बताएं
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। कांग्रेस ने केंद्र सरकार के आपातकाल को संविधान हत्या दिवस के तौर पर मनाने के ऐलान को सुर्खियां बटोरने की कवायद करार देते हुए पलटवार किया है। पार्टी का आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में वर्ष 2014-2024 के दौरान देश में अघोषित आपातकाल लगा हुआ है। पार्टी का दावा है कि चार जून 2024 का दिन इतिहास में मोदीमुक्त दिवस के रूप में दर्ज होगा।
पार्टी प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री एक बार फिर हेडलाइन बनाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चार जून 2024 का दिन इतिहास में मोदी मुक्ति दिवस के तौर पर याद किया जाएगा। उन्होंने व्यक्तिगत, राजनीतिक और नैतिक हार सुनिश्चित किए जाने के पहले दस वर्षों तक अघोषित आपातकाल लगाया था। इतिहास इसे मोदीमुक्ति दिवस के तौर पर याद रखेगा।
जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के संविधान और उसके सिद्धांतों, मूल्यों और संस्थानों पर सुनियोजित हमला किया है। प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के वैचारिक परिवार ने नवंबर 1949 में भारत के संविधान को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि वह मनुस्मृति से प्रेरणा नहीं लेता है। उनके लिए डेमोक्रेसी का मतलब सिर्फ डेमो कुर्सी है।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सांसद मनोज कुमार झा ने भी सरकार के निर्णय पर सवाल उठाते हुए निशाना साधा है। उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि सरकार ने संविधान को तहस-नहस करके रख दिया है। उसके मर्म को आहत कर दिया है। चुने हुए प्रतिनिधियों को जेल में रखा है। जांच एजेंसियों के माध्यम से संविधान के पन्नों को तार-तार कर दिया है। सरकार पर दोहरा चरित्र का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान माफी मांगने वाले लोगों के बारे में भी बताना चाहिए।
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ममता बनर्जी ने भी केंद्र को घेरा
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र पर हमला बोलते हुए मुंबई में कहा कि आपातकाल जैसा अधिकतर समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में देखने को मिल रहा है। ममता ने कहा कि तीन नए कानून लाने के लिए संसद में विधेयक पेश करने से पहले किसी से विचार-विमर्श नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि इन तीनों विधेयकों को तब पारित किया गया जब बड़ी संख्या में सांसद निलंबित थे और कई लोग इन कानूनों से भयभीत हैं। बनर्जी ने कहा, हम आपातकाल का समर्थन नहीं करते…लेकिन धर्मार्थ कार्य घर से शुरू होता है।
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