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नई भारतीय न्याय संहिता के तहत स्टेट साइबर सेल में दर्ज पहला केस
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इंदौर में महिला कंपनी सेक्रेटरी से 7.70 लाख ऐंठने के बाद अब भोपाल में ठीक इसी अंदाज में एक रिटायर्ड लेक्चरर से 1.30 करोड़ रुपए ठगे गए हैं। जालसाजों ने सीबीआई अफसर बन वीडियो कॉल किए। इतना डराया कि लेक्चचर 7 दिन तक घर से नहीं निकल पाए, कानून के जानकार इसे डिजिटल अरेस्ट कहते हैं। लेक्चरर की शिकायत पर स्टेट साइबर सेल ने अज्ञात जालसाजों के खिलाफ केस दर्ज किया है। नए कानूनों में शुमार भारतीय न्याय संहिता की धाराओं में दर्ज हुआ स्टेट साइबर सेल का ये पहला अपराध है।
भोपाल निवासी 66 वर्षीय रिटायर्ड लेक्चरर को जालसाजों का पहला कॉल 24 जून को आया था। इंस्पेक्टर शिवांशु मालवीय ने बताया कि पीड़ित को अंजान नंबर से आए वीडियो कॉल पर कहा गया कि मैं कस्टम ऑफिस से बोल रहा हूं। आपके आधार कार्ड के जरिए एक पार्सल कंबोडिया जा रहा है, जिसमें 16 पासपोर्ट, 58 एटीएम कार्ड, 10 सिमकार्ड, लैपटॉप और कपड़े रखे हैं। आप कबूतरबाजी में लिप्त हैं और आपकी बेनामी संपत्ति हैं। मैं आपकी शिकायत बसंतकुंज, दिल्ली थाने में कर रहा हूं। कुछ देर बाद दूसरे नंबर से आए वीडियो कॉल में भी कॉलर ने इसी मसले पर बात करते हुए खुद काे सीबीआई अफसर बताया।
बेनामी संपत्ति और कबूतरबाजी का आरोप लगाया
पीड़ित लेक्चरर विदेश के बड़े शिक्षण संस्थान से रिटायर हुए हैं। जालसाजों ने वीडियो कॉल पर उनसे कहा कि लग रहा है कि आप सज्जन व्यक्ति हैं। आपके आधार का इस्तेमाल कर किसी ने आपको फंसाने की साजिश की है। आपका एक खाता मुंबई में भी है, जहां से हवाला ब्लैकमेलिंग की मोटी रकम आपको मिलती है। आप कबूतरबाजी वाले अपराध में शामिल हैं और आपकी बेनामी संपत्ति हैं। बुजुर्ग ने इनकार किया तो जालसाज बोला जब तक जांच पूरी नहीं होती, आप कहीं नहीं जाएंगे। फिर 7 दिन तक उन्हें वीडियो कॉल करते रहे।
एफडी तुड़वाकर हड़प ली रकम… जालसाज ने पूछा कि आपके पास कितना पैसा है। जवाब में बुजुर्ग ने तीन एफडी की जानकारी दी। जालसाज ने उन्हें डराकर एफडी तुड़वाई और तीन बार में 1.30 करोड़ अपने बताए खातों में ट्रांसफर करवा लिए। जालसाजों के कॉल आने बंद हुए, तब बुजुर्ग ने बैंक में कॉल किया। यहां से पता चला कि उनके साथ साइबर फ्रॉड हुआ है।
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