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प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : istock
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चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 13 मेडिकल कॉलेजों की एमबीबीएस की मान्यता हासिल करने के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) में अपील करने की तैयारी शुरू कर दी है। सभी प्रधानाचार्य अपील तैयार करने के बाद उसका चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीएमई) में परीक्षण कराएंगे। इसके लिए 15 और 16 जुलाई को बैठक बुलाई गई है। इस संबंध में डीजीएमई ने सभी प्रधानाचार्यों को निर्देश भेजे हैं।
चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से नवनिर्मित 13 मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 100-100 सीटों के लिए आवेदन किया गया था। एनएमसी की जांच में फैकल्टी की कमी पाई गई, जिसके आधार पर मान्यता नहीं दी गई है। हालांकि विभाग का तर्क है कि मानक बदलने की वजह से समस्या आई है। ऐसे में अब एनएमसी में फिर से अपील की जाएगी। इसके लिए सभी प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए गए हैं। गोंडा, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, चंदौली, कौशांबी, सोनभद्र, बिजनौर, बुलंदशहर और कानपुर स्थित स्वशासी राज्य मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य 15 जुलाई को सुबह 11 बजे डीजीएमई कार्यालय बुलाए गए हैं। इसी तरह औरैया, कुशीनगर, ललितपुर और सुल्तानपुर स्थित मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्यों को 16 जुलाई को बुलाया गया है। इन प्रधानाचार्यों द्वारा तैयार की गई अपील का डीजीएमई कार्यालय में परीक्षण कराया जाएगा। इसके बाद इसे एनएमसी को भेजा जाएगा। डीजीएमई किंजल सिंह ने प्रधानाचार्यों को ये भी निर्देश दिए गए हैं कि अपील तैयार करते समय एनएमसी की ओर से 21 और 30 मई 2024 और 28 दिसंबर 2022 में जारी पब्लिक नोटिस का भी ध्यान रखा जाए।
इन बिंदुओं पर विशेष फोकस
डीजीएमई ने सभी प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए हैं कि अपील तैयार करते वक्त सभी पहलुओं का विशेष ध्यान रखा जाए। इसमें प्रमुख रूप से मानव संसाधन की पूर्ति में आ रही दिक्कतें, संबंधित जिले में कॉलेज की उपयोगिता, जिला अस्पताल व रेफरल हॉस्पिटल को उच्चीकृत कर मेडिकल कॉलेज के रूप में स्थापित करने, सीनियर व जूनियर रेजीडेंट की कमी पूरी करने के लिए किए जा रहे प्रयास, लोकसभा चुनाव की वजह से नियुक्ति में आई बाधा, चिकित्सा शिक्षकों की नियुक्ति के लिए माहवार किए गए प्रयास आदि का भी जिक्र किया जाए।
कहा गया है कि अपील में इस बात का जिक्र किया जाए कि परियोजना की शुरुआत फरवरी 2021 में की गई। उस समय स्थापना के लिए एनएमसी द्वारा एमएसआर 2020 लागू था। उसके अनुसार जुलाई 2023 तक 70 फीसदी प्रगति थी। एनएमसी ने 16 अगस्त 2023 को नए कॉलेजों की स्थापना के लिए एमएसआर 2023 लागू किया। इसमें मानकों में बदलाव कर दिए गए।
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