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जमीन नामांतरण के एक मामले में उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह सहित मातहतों को अदालत के आदेश का पालन नहीं करना भारी पड़ गया। हाई कोर्ट ने आदेश का पालन नहीं करने पर उन्हें दोषी करार दिया गया है।
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बुधवार को हाई कोर्ट कलेक्टर को सजा के प्रश्न पर सुनवाई करेगा। वहीं, कलेक्टर ने सजा से बचने के लिए हाई कोर्ट में ही अपील भी दायर कर दी है। इस पर मंगलवार शाम चार से साढ़े चार बजे तक सुनवाई हुई, पर तब राहत नहीं मिली।
डिवीजन बेंच बुधवार को फिर सुनवाई करेगी। मंगलवार सुबह 10 बजे ही कलेक्टर, तहसीलदार हाई कोर्ट परिसर पहुंच गए थे। अवमानना में दोषी करार दिए जाने के मसले पर उन्होंने अपील दायर की थी।
हाई कोर्ट ने नामांतरण के आदेश दो-दो बार दिए, फिर भी नहीं माने
उज्जैन के नलखेड़ा में किसान गुलाब प्रजापति व अन्य की जमीन को सीलिंग के तहत प्रशासन ने लिया था। फिर नियम आया कि सरकार ने सीलिंग की कार्रवाई कर दी है, पर कब्जा नहीं दिया है तो जमीन छोड़नी होगी।
जमीन मालिक ने याचिका लगाई तो हाई कोर्ट ने पक्ष में फैसला दिया। प्रशासन सुप्रीम कोर्ट गया तो वहां से भी राहत नहीं मिली। इसके बाद जमीन मालिक ने तहसीलदार के यहां आवेदन किया, पर उसे खारिज कर दिया गया। इस पर हाई कोर्ट में नामांतरण अर्जी दायर की गई।
हाई कोर्ट ने जमीन नामांतरण याचिकाकर्ता के पक्ष में करने के आदेश दिए, फिर भी इसका पालन नहीं हुआ।
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