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संघ के प्रांत प्रचारकों की तीन दिवसीय बैठक की जानकारी देते हुए आरएसएस के प्रचार प्रमुख
झारखंड की राजधानी रांची में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारकों की वार्षिक बैठक हो रही है। इसकी शुरुआत 12 जुलाई से होगी। तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान सरसंघचालक मोहन भागवत, सरकार्यवाहक दतात्रेय होसबाेले सहित संघ के तमाम बड़े पदाधिकारी उपस्थित
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इस कार्यक्रम के आयोजन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बैठक के कई मुद्दों में से एक अहम मुद्दा शाखा का विस्तार कर एक लाख तक पहुंचाना है। शाखा में होने वाले कार्यक्रमों को और बेहतर कैसे किया जाए, इस पर भी चर्चा होगी। इस दौरान संघ के उत्तर पूर्वी क्षेत्र बिहार-झारखंड के संघ चालक देवब्रत पाहन, सह प्रचार प्रमुख केंद्र दिल्ली के नरेंद्र ठाकुर और सह प्रचार प्रमुख केंद्र चंडीगढ़ के प्रदीप जोशी मौजूद थे।
संघ के 46 प्रांत-प्रमुख हो रहे शामिल
सुनील अंबेकर ने बताया कि संघ के प्रांत प्रचारकों की अखिल भारतीय बैठक रांची में 12 से 14 जुलाई तक होनी है। यह वार्षिक बैठक है। इससे पहले रांची में 2015 में कार्यकारी मंडल की बैठक हुई थी। संघ की दृष्टि से साल में तीन प्रमुख बैठकें होती हैं। दो बैठकों में प्रस्ताव होते हैं। पहली बैठक अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की होती है।
यह सामान्यत: मार्च में होती है। दूसरी अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल की बैठक होती है। यह सामान्यत: अक्टूबर में होती है। तीसरी बैठक जुलाई महीने में होती है वह अखिल भारतीय स्तर पर प्रांत प्रचारकों की होती है। रांची की बैठक में आरएसएस के 46 प्रांत के प्रमुख शामिल हो रहे हैं।
संघ के वार्षिक कार्य योजना पर होगी चर्चा
उन्होंने बताया कि इस बैठक में विभिन्न प्रकार के विषयों पर चर्चा होती है। पूरे वर्ष संघ की योजना और उसके कृयान्वयन पर बात होगी। मई और जून में संघ के प्रशिक्षण वर्ग समाप्त हुए हैं। तीन स्तरीय वर्ग थे। संघ शिक्षा वर्ग, कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम और द्वितीय।
इसमें देश भर के कार्यकर्ता शामिल हुए थे। उसमें जो कार्यकर्ता शामिल हुए थे, उनकी उपस्थिति और उनके विषय की समीक्षा इन तीन दिनों में होगी। साथ ही आगामी वर्ग की योजनाओं में मुख्यत: सर संघचालक के साल भर के कार्यक्रम की योजना बनेगी, उस पर चर्चा होगी।
एक लाख शाखा विस्तार की बनेगी रूपरेखा
पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि यह बैठक वैसे तो कई मायने में महत्वपूर्ण है, लेकिन कई अहम मुद्दों में से एक अहम मुद्दा शाखा विस्तार है। इस पर बात होगी। शाखा में होने वाले कार्यक्रमों को और बेहतर कैसे किया जाए, इस पर चर्चा होगी। नए लोगों को कैसे जोड़ा जाए। उनके लिए क्या किया जा सकता है, इन तमाम बातों पर चर्चा होगी।
साथ ही बताया पिछले मार्च तक हमारे 73 हजार शाखा हैं। यहां होने वाली बैठक में भी इसकी चर्चा होगी कि किस तरह हमारी शाखाओं का विस्तार हुआ है। हमारा लक्ष्य है कि हर मंडल तक हमारी शाखा हो। हम एक लाख शाखा के लक्ष्य को पूरा करें इस पर बात होगी। इसके लिए हमलोग प्रयास करेंगे।
धरातल पर होंगे संघ के सामाजिक प्रयोग
बताया कि 2025 में संघ के कार्यों के सौ वर्ष पूरे होंगे। 2025-26 संघ के शताब्दी पूर्ति का वर्ष रहेगा। ऐसे में इस ऐतिहासिक वर्ष को और बेहतर कैसे किया जाए इसकी चर्चा देश भर में हो रही है। यहां भी कार्यक्रम की रूपरेखा बनाने की बात की जाएगी।
संघ ने पारिवारिक व्यवस्था कैसे दृढ़ हो, सामाजिक मूल्य व्यवस्था कैसे मजबूत बने, पर्यावरण की दृष्टि से हमारी जीवनशैली बने, इस तरह के विषयों पर प्रयोग कई सालों से कर रहा है। हम इस बात पर भी जोर दे रहे हैं कि नागरिक केवल अधिकार नहीं कर्तव्य पर भी ध्यान दें।
अब हमारा प्रयास होगा कि बीते सालों से जो इस तरह के प्रयोग हो रहे हैं, उसे शताब्दी वर्ष में समाज के हर तरह के संगठन के साथ मिल कर जमीन पर उतारें। इसके लिए लोगों से संपर्क किया जा रहा है। इसकी रूपरेखा यहां बनेगी।
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