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मेयर सौम्या गुर्जर ने बैठक के बारे में जानकारी दी।
जयपुर नगर निगम ग्रेटर में आज 20 माह बाद हुई कार्यकारी समिति की बैठक में अहम फैसला लिया गया। बैठक में निर्णय किया गया जयपुर शहर में (ग्रेटर एरिया) कॉमर्शियल लीजडीड (पट्टा) के बिना संचालित मीट की दुकानों को बंद किया जाएगा। नगर निगम ग्रेटर की मेयर डॉ.
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मेयर ने बताया- नगर निगम को शिकायतें मिल रही हैं कि कई रिहायशी इलाकों के पास मीट की अवैध दुकानें (आवासीय में बनी दुकानें) संचालित हैं। इससे वहां रहने वाले लोगों को परेशानी होती है। इसे देखते हुए कार्यकारी समिति के सदस्यों ने ऐसी दुकानों पर कार्यवाही करने और उनके लाइसेंस निरस्त करने का प्रस्ताव दिया था।
नगर निगम ग्रेटर के अधिकारियों के मुताबिक जयपुर ग्रेटर एरिया में अभी 300 मीट की दुकानों के लाइसेंस जारी कर रखे हैं। जबकि 100 दुकानों के लाइसेंस के आवेदन पेंडिंग है।
जयपुर नगर निगम ग्रेटर में कार्यकारी समिति की बैठक हुई।
पट्टों की फाइलों का एक माह में डिस्पोजल
मेयर ने बताया- समिति के अधिकांश सदस्यों के अलावा कई पार्षदों का प्रस्ताव आया है कि उनके एरिया के मकान, दुकानों के पट्टों की फाइलें नगर निगम के जोन ऑफिस और मुख्यालय में पेंडिंग है। इनकी संख्या 2700 से भी अधिक है। इसे देखते हुए हमने इन सभी फाइलों का डिस्पोजल एक माह में करने का फैसला किया है।
मेयर ने बताया कि सभी फाइलों की चैक लिस्ट तैयार करके उनमें क्या कमी रह गई। उसको 15 दिन के अंदर पूरा करवाया जाएगा और उसके बाद अगले 15 दिन में फाइलों के निस्तारण की प्रक्रिया की जाएगी।
फायर एनओसी के लिए 2 माह में करना होगा सर्वे
बैठक में फायर एनओसी में हो रही देरी का भी मुद्दा उठा। इसमें बताया कि निगम में फायर शाखा में सालों से फायर एनओसी की फाइलें पेडिंग रहती है, लेकिन उनका निस्तारण नहीं होता। सर्वे के लिए फायर ऑफिसर टीम तक नहीं भेजते। इस पर सभी ने सर्व संपत्ति से निर्णय करते हुए फायर एनओसी के लिए सर्वे का काम आवेदन के 2 माह के अंदर हर हाल में करवाने का निर्णय किया।
इसके साथ ही जिन अधिकारियों के पास लम्बे समय से फाइल पेंडिंग है उनके कारणों का जांच करवाई जाएगी और अधिकारी की लापरवाही मिली तो उस पर कार्यवाही की जाएगी।
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