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झारखंड में विश्वासमत के साथ आज कैबिनेट विस्तार की भी चर्चा तेज है। 11 बजे सदन में विश्वासमत पेश होगा जिसके बाद कैबिनेट विस्तार का फैसला लिया जाना है। ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के इस्तीफे के बाद से उनकी जगह खाली है।
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लंबे वक्त से कैबिनेट विस्तार की चर्चा है, लेकिन कांग्रेस को फैसला लेने में काफी समय लगा। अब चर्चा है कि आलमगीर आलम की जगह इरफान अंसारी की दावेदारी तय हो गई है। इस फैसले से कांग्रेस मुस्लिम वोट बैंक साधने की कोशिश करेगी। कांग्रेस विधायक दल का नेता कौन होगा, इसे लेकर भी आज फैसला हो सकता है।
क्यों आलमगीर आलम को देना पड़ा इस्तीफा
एक महीने पहले आलमगीर आलम ने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने मंत्री पद के साथ कांग्रेस विधायक दल का पद भी छोड़ दिया है। उनकी गिरफ्तारी और जेल जाने के बाद से ग्रामीण विकास विभाग का काम ठप पड़ गया था। जिसके बाद मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने इस्तीफा देने से तीन दिन पहले अपने पास ले लिया था।
बता दें कि ED ने 6 मई को मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और उससे जुड़े लोगों के ठिकानों पर रेड मारी थी। इसमें 32 करोड़ 20 लाख रुपए कैश की बरामदगी हुई थी। पूछताछ के दौरान इस मामले में मंत्री को पीएस संजीव कुमार लाल और उनके नौकर जहांगीर आलम को 6 मई की देर रात ही गिरफ्तार कर लिया गया था।
मंत्रालय में बचे थे केवल 10 मंत्री
आलमगीर आलम की गिरफ्तारी के बाद से अब सोरेन कैबिनेट में 10 मंत्री ही बचे हैं। सरकार के अब तक कांग्रेस कोटे से चार, राजद से एक और जेएमएम से पांच मंत्री थे। जिसमें से कांग्रेस कोटे से आलमगीर आलम ने इस्तीफा दे दिया है। सरकार में नियमानुसार 12 मंत्री हो सकते हैं, लेकिन अब तक 12वें मंत्री का पद किसी को नहीं दिया गया है। इस तरह से राज्य मंत्रिमंडल में मंत्री के दो पद रिक्त हैं।
15 मई को गिरफ्तार हुए थे मंत्री
इस मामले में 15 मई की शाम मंत्री आलमगीर आलम को ED ने गिरफ्तार किया था। इसके पहले उनसे 14 और 15 मई को कुल मिलाकर करीब 14 घंटे पूछताछ की गई थी। बाद में उन्हें ED ने कोर्ट में पेश किया। जहां ED ने कोर्ट को बताया कि ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर कमीशन घोटाले में इंजीनियर, अधिकारी और मंत्री का एक संगठित गिरोह सक्रिय था।
ED ने नमूने के तौर पर जनवरी महीने में पारित 92 करोड़ के 25 टेंडर के ब्यौरे से संबंधित एक पेपर भी कोर्ट में जमा किया है, जिसमें यह स्पष्ट लिखा हुआ है कि मंत्री आलमगीर आलम ने सभी 25 टेंडर में कमीशन के रूप में 1.23 करोड़ रुपए लिए थे।
बयान को लेकर सुर्खियों में रहते हैं इरफान
अपने बयान को लेकर इरफान अंसारी हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को असली राम और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन को मां सीता और मां दुर्गा का अवतार बता दिया था। इस बयान को लेकर विपक्ष ने इरफान पर जमकर निशाना साधा था।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने आपत्ति जताते हुए एक्स पर लिखा, ‘इरफान अंसारी जी, भगवान राम आपको नकली नजर आते हैं और चोर-उचक्कों में राम नजर आते हैं। आपके पैसे के लालच में, आपके ही राजनीतिक सहयोगी के माध्यम से भैया-भाभी ने दो कांग्रेस विधायकों के साथ आपको बंगाल में पकड़वाया।
‘दीदी’ के जरिए उल्टा लटकवा कर पिटवाया, जेल भिजवाया और राज्य में कांग्रेस की लुटिया डुबो कर नाक कटवा दी। तब इनके प्रति आपका जो नजरिया था, अब भी वही है या कुर्सी की लालच में बदल गया?’
उन्होंने आगे लिखा, ‘शर्म करिए। आपने तो मंत्री पद के चक्कर और लालच में आत्मसम्मान को भी गिरवी रख दिया। अपनी लालसा पूरी करने के लिए झारखंड में धार्मिक उन्माद फैलाने के आपके नापाक मंसूबे कभी पूरे नहीं होंगे। कहीं ये दांव भी आपको उल्टा न पड़ जाए?’
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