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राजस्थान विधानसनभा का बजट सत्र चल रहा हे। दूसरे दिन गुरुवार को बाड़मेर जिले के शिव विधायक ने RCDF के प्रतिवेदन बोलते हुए कहा कि कई सवाल खड़े किए। कहा इसमें बड़ा खेल हो रहा है। डेयरी प्रोडेक्ट पर प्रोडक्शन डेट नहीं। मालपुरा में बटर पैकिंग मशीन खरीदने के
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भाटी ने कहा कि राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (RCDF) के प्रतिवेदन चार साल के एक साथ आज दिए गए है। मुझे लगता है कि यह सदन की अवमानना है। हर साल जो ऑडिट व प्रतिवेदन समय रहते दिए जाए तो कई सारी चीजें हो सकती है। भाटी ने कहा कि मेरे से पहले अलग-अलग सदस्यों ने घोटालों और भ्रष्टाचार की बात की। सदस्यों ने कहा कि सीकर, टोंक झुझुनू के घोटालों की बात की।
भाटी बोले- बड़ा खेल हो रहा है, डेयरी प्रोडेक्ट पर प्रोडेक्शन डेट नहीं, केवल एक्सपायरी डेट
विधायक ने कहा कि दो साल पहले मालपुरा में बटर पैकिंग मशीन खरीदने के लिए साढ़े चार करोड़ का टेंडर हुआ। सिंगल टेंडर किया गया। एक करोड़ अस्सी लाख रुपए का भुगतान भी कर दिया गया। लेकिन दुर्भाग्य है कि न तो मशीन आई और पैसा किसके खाते में गया कोई नहीं जानता है। वापस किसी ने सुध भी नहीं ली। मैं मंत्री का ध्यानकर्षण करना चाहता हूं कि आरसीडीएफ की बात चल रही थी कि दूध, पाउडर और लगभग 14 हजार टन घी का जो स्टॉक पड़ा है इसका क्या करेंगे। इसमें भी बहुत बड़ा खेल है। तमाम तरीके के जो प्रोडेक्ट मार्केट में आ रहे है। प्रोडेक्शन की कोई डेट नहीं लगी हुई है। एक्सपायरी डेट लिखी गई है। यह रिप्रोसेस करके मार्केट में लाए जा रहे है। बहुत बड़ा मामला है। एक तरफ शुद्ध के लिए युद्ध कर रहे है। दूसरी तरफ सरकारी उपक्रम ही एक्सपायरी माल मार्केट में बेचेंगे। अच्छी चीजों की आप किससे से उम्मीद नहीं कर सकते है।
विधायक बोले- गांवों को मजबूत करने के लिए डवलपमेंट किया जाए
रविंद्र सिंह भाटी ने बताया- आज के समय में जेएलएन मार्ग जयपुर में एक ही डेयरी का इतना बड़ा स्टॉक और शो रूम टाइप देखा है। हमारे जिले में नहीं है। पशुधन सबसे ज्यादा है लेकिन डेयरी के मामले में बहुत पीछे है। सदर में बोल रहे थे कि डिमांड ज्यादा है। हमारे यहां पर प्रोडेक्शन ज्यादा है। लेकिन यहां तक लाने वाला कोई नहीं है। ऊंटनी के दूध से केंसर सही किया जा सकता है। थारपारकर नस्ल, सेवन घास सहित सबकुछ वहां खूब है लेकिन उनको वहां कलेक्ट करके यहां तक कौन लेकर आए। मंत्री से मांग है कि गांवों और उसकी अर्थव्यवस्था मजबूत करने के लिए डेयरी को और मजबूत करें। हमारे सीमांत और रेगिस्तान में कलेक्शन के नए सिस्टम को डवलप करें।
ढाई करोड रुपए किए खर्च- इसकी भी जांच होनी चाहिए
विधायक ने जयपुर डेयरी के पॉर्लर का जिक्र करते हुए कहा कि मैंने इसके बारे में पढ़ा तो बहुत सारी चीजें निकल कर आई। अभी एक फर्म को उन्होंने लीज पर दिया। ढाई करोड़ रुपए एनरॉवेंट पर पर खर्च किए गए। वहीं एक फर्म को बिना किसी टेंडर के सीधा काम दे दिया गया। पता नहीं कैसे दिया। इसकी भी जांच होनी चाहिए।
सीकर में कभी टेंडर हुआ ही नहीं
भाटी ने कहा कि सीकर में टेंडर होने की बात कहीं गई लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि सीकर में कभी टेंडर हुआ ही नहीं है। ठेकेदार करोड़ों रुपए डेयरी के लेकर भाग गए। लेकिन आज दिन तक उसकी कोई रिकवरी नहीं है। बाड़ ही अगर खेत को खाने लगे तो उसको बचाने वाला कौन होगा।
विधायक ने कहा-RCDF को राजस्थान चोर डाकू फेडरेशन कहा
आज जयपुर डेयरी के चेयरमैन है उनके खुद का काला डेरा में ‘किसान केसरी’ नाम की एक कैटल फील्ड प्लांट संचालित है। बीते कई सालों से तमाम समितियां उनको माल बेचा जा रहा है। अगर कोई नहीं लेता तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करते है। आरसीडीएफ इसका नाम राजस्थान चोर ठेकेदारों की फेडरेशन कर दिया गया है। हमारे सभी के लिए दुख की बात है। मेरी मांग है मंत्री से आप कड़े फैसले ले और संवेदनशीलता दिखाए। यह जो डेयरी है जो सीधा आम आदमी से जुड़ाव रखती है।
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