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डेढ़ साल पहले साथी जवानों की जान बचाते हुए अपनी ड्यूटी निभाते-निभाते शहीद हुए अंबाह के रूअर गांव निवासी हवलदार विवेक सिंह तोमर को मरणोपरांत अब शौर्य चक्र से सम्मानित किया जाएगा। राष्ट्रपति भवन में 5 जुलाई को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू शहीद विवेक सिंह
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2023 में हुए शहीद… बिल्डिंग में घुसकर मशीनें ठीक करते रहे, धुएं से घुटा दम
धुआं भरी बिल्डिंग से साथियों को बाहर निकालकर खुद मशीन ठीक करते रहे विवेक सिंह रूअर गांव निवासी हवलदार विवेक सिंह सियाचिन ग्लेशियर में ड्यूटी कर रहे थे। इसी बीच 11 जनवरी 2023 दोपहर के समय तापमान नियंत्रण बिल्डिंग की मशीनरी में तकनीकी खराबी आ गई, जिससे पूरी बिल्डिंग में धुंआ भर गया। विवेक ने सभी साथियों को बाहर निकाला और खुद भी बाहर आ गए, लेकिन खराबी ठीक करने के लिए फिर बिल्डिंग में घुस गए। इस दिन ग्लेशियर का तापमान -52 डिग्री सेल्सियस था, जिससे सभी जवानों को खतरा पैदा हो गया। विवेक सिंह धुंआ से भरी बिल्डिंग में घुसकर मशीनरी को ठीक कर रहे थे।
इसी दौरान दम घुटने से उनकी तबीयत बिगड़ गई। साथी उन्हें उठाकर पैदल ही अस्पताल की ओर निकल पड़े, लेकिन इसी बीच वे शहीद हो गए। विवेक सिंह समय रहते सभी को बिल्डिंग से बाहर नहीं निकालते तो बड़ा हादसा हो सकता था। उन्होंने खुद की जान को जोखिम में डालकर मशीनों की खराबी को ठीक करने का प्रयास किया। उनके इस अदम्य साहस को देखते हुए 15 अगस्त 2023 को उन्हें शौर्य चक्र के लिए नामित किया गया था।
भाई ने पूरे चंबल को गौरवान्वित किया: धर्मेंद्र
शहीद विवेक सिंह के भाई धर्मेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि परिवार से किसी का शहीद होना, नए जीवन की शुरुआत जैसा होता है। भाई के अदम्य साहस को याद करते हुए भारत सरकार ने उन्हें शौर्य चक्र से नवाजा है। इस सम्मान के मिलने के बाद एक बार फिर उनके ग्रामवासी और परिजनों की आंखें भाई की याद में नम हो रही हैं। अपना फर्ज निभाते-निभाते शहीद हुए भाई ने न सिर्फ रूअर गांव बल्कि पूरे चंबल को गौरवान्वित किया है।
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